स्थानांतरण पर बुझी बाती- आगे और भी नाम के आदेश हो रहे तैयार।

प्रशासनिक स्तर पर जिले में अधिकारीगण के स्थानांतरण का आगाज हो चुका है। बीते दिन हुए पुलिस कप्तान के तबादले ने चहु ओर चर्चाओं का चौराहा बना दिया है। सभी पुलिस अधिकारी सारे काम की पूर्ती के बाद हस्ताक्षर के लिए कप्तान के चक्कर में भागे भागे है। इधर कप्तान का काम पूरा नहीं होने से निराशा की तीव्रता ज्यादा है। नाम न बताने की शर्त पर एक श्रीमान ने बताया कि, साहब ने सारी सेटिंग की सम्भावना जताई थी मगर रिचार्ज फेल हो गया जिससे उल्टे कदम लौटना पड़ा। अब जिन हस्ताक्षर को समय के अनुसार कर सकते थे उनको अब समय रहते करना पड़ रहा है।
अगले तबादले नगर पालिका के वरिष्ठ- वरिष्ठ अधिकारी के सम्भव होने वाले है। सूत्र बताते है कि, टिम बनाकर नगरपालिका के नेता नगरीय प्रशासन मंत्री से मिलकर मनमानी की शिकायत कर मनमाना काम करवाकर आए है, इसलिए सम्भावना है कि नगरपालिका झाबुआ के भी बदले जाएगे।
एक शिकायत महिला बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी की है जिसमें भी बनती सम्भावना यही है कि वो जिले की सिमा पार होगा साथ ही उसके उस अधिकारी का नंबर भी लगेगा जो स्टे की आड़ में अंदर ही अंदर तेज चल कर विभाग को इशारो पर चला रहा है।
जोरदार चर्चा में तो जिला मुख्यालय की मुख्य अधिकारी भी है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अब ज्यादा दिन नहीं बचे है। मुख्य कारण के साथ अपनी कार्य शैली और व्यवहार के कारण लोगों की भी नाराजगी की वजह से बहुत जल्दी लिस्ट में नाम आ जाएगा।
हांलाकि हर हरियाली पर गर्मी की मार होती है, बहरहाल जिले में धर्मांतरण के किस्सो पर कहानियों के कई पुलिंदे पर चर्चा आम है। जिले की राजनीतिक जनता लिस्ट के इंतजार में चार बातों से भी आगे निकल गई है।

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