अंग्रेज अधिकारी का वध करने वाले बाबा तिलका मांझी का शौर्य और बलिदान आज भी जिवित।

अमर बलिदानी तिलका मांझी का जन्म 11 फरवरी 1750 में सुल्तानगंज, बिहार के तिलकपुर में हुआ था संथाल जनजाति के तिलका मांझी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नायक थे। बुद्धिमान और अद्भुत राजनीतिक मेघासंपन्न तिलका मांझी ने ही सर्वप्रथम अंग्रेजों की नीति फुट डालो शाशन करो की जानकारी संथालो को दी थी। ब्रिटिश शासन को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए जनजाति पहाड़िया और संथाल सभी को अपने साथ लेकर युद्ध प्रारंभ किया। 13 जनवरी 1784 को भागलपुर में नियुक्त ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी अगस्टस क्लीवलैंड का वध कर दिया था। संसाधनों की कमी के कारण उस युद्ध को वे जारी नहीं रख पाए और अंततः पकड़े गए। क्रूर अंग्रेजों ने वीर तिलका मांझी को भागलपुर के चौराहे पर स्थित वट वृक्ष पर 13 जनवरी 1785 को फांसी दे दी। बिहार की जनजातियों में विशेष तौर पर संथालो के लोक गीतों में बाबा तिलका मांझी का शौर्य और बलिदान वर्तमान में जिवित है। अमर बलिदानी तिलका मांझी ने नारा दिया था “धरती हमारी है”।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *