जनजाति नायक, अमर बलिदानी राणा पूंजा भील।
अमर बलिदानी राणा पूंजा भील का जन्म राजस्थान के मेरपुर में हुआ था राणा ने युद्घ की दिशा बदल दी थी, शूरवीरों को जन्म देने वाली मेवाड़ की भूमि में जन्मे राणा पूंजा ने मेवाड़ के वनांचल को अपने पराक्रम से गौरवान्वित किया। अमर बलिदानी राणा पूंजा, महाराणा प्रताप के सेनापति रहें हैं। 18 जून सन 1576 में हल्दीघाटी के युद्ध की दिशा बदलने वाले एक मात्र सेनापति थे अमर बलिदानी राणा पुंजा, जिनके नेतृत्व में भील तीरंदाजों ने मुग़लों की सेना को हल्दीघाटी में बनास नदी के किनारे से आगे नहीं बढ़ने दिया था। साथ ही गोफण से की गई पत्थरों की बरसात ने मुगल सेना को कई मील पिछे हटने पर मजबूर कर दिया था।
अमर बलिदानी राणा पूंजा भील को राणा की उपाधि महाराणा प्रताप ने उनकी उपलब्धि और उनके योगदान के सम्मान में प्रदान की थी जिसके बाद से मेरपुर के पूंजा भील राणा पूंजा के नाम से प्रसिद्ध हुए।
अमर बलिदानी राणा पूंजा भील को शत शत नमन।