घर में संचालित की जा रही मांस की दुकान- प्रतिबंध के बाद भी खुलेपन में चल रही मांस की दुकान।
शहर में मांस की दुकान पर एकाएक कार्यवाही की और मांस दुकानों को बंद करवाया गया। किसी शिकायत के माध्यम से मामला बड़ा लेकिन शिकायत और जवाब में गडबडी में नगर पालिका के साथ प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों के वाद विवाद में नियमों की खिल्ली उड़ गई और मांस की दुकाने सभी बंद कर दी गई।
मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार बनते ही अवैध रूप से मांस विक्रय पर रोक लगाने का आदेश आया जिस पर बहुत से स्थानों पर कार्यवाही की गई।
नगर पालिका दुकानों में संचालित होने वाली मांस विक्रय दुकानों को बंद किया गया था लेकिन वे सभी फिर से शुरू हो गई।
मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी विरोध के बाद भी कुछ मांस विक्रेता बेखौफ घर पर मांस बेचने का कार्या खुले आम कर रहे हैं। नियम के विरुद्ध मांस बेचते हुवे खुद को सर्वे सर्वा समझते है। ये मकान में दुकान चलाने वाले एक नहीं अनेक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। सबसे बड़े उस नियम का उल्लंघन है जिसमें रहवासी स्थान को व्यवसायिक बना रहे है जिसकी लिए न तो कोई पंजीयन है न किसी प्रकार का कोई लाइसेंस है।
नगर पालिका के आला अधिकारी और राजनैतिक रूप से जुड़े हुए नेता पार्षद का ऐसे लोगों पर खुली छुट होती है जिसकी वज़ह से ही ये मकान वाले दुकानदार नियमों के विरुद्ध, प्रशासनिक शक्ति को मुँह चिढ़ाते हुए बेखौफ मकान में मांस बेचते हैं।
नगर पालिका के पिछे नगर पालिका द्वारा दी गई दुकान के पास में पिछे की तरह ये नियमों के विरूद्ध मांस विक्रेता मांस बेच रहे हैं। साथ ही रोहीदास मार्ग में बरसो से मकान में मांस की दुकान संचालित की जा रही है अनेकानेक बार शिकायत होने के बाद भी नगर पालिका कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पाई। लोगों का कहाना है कि कर्मचारी आसानी से बेमौल ही बिक जाते है। उस स्थान पर भी आदेश निकलने के बाद शिकायत हुई तो जब नगर पालिका के कर्मचारी रोकने गए तो घोर विरोध हुआ साथ ही विवाद भी जिसमें महिलाओ ने भी आगे आ कर मांस दुकानदार को बचाने का प्रयास किया।
हालांकि लालच त्याग कर नगर पालिका या प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों को सख्त कदम उठाने की जरूरत है ऐसे मकान जहा रहवास को व्यवसाय बना दिया हो उस पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही कर मकान को सील कर देना चाहिए।
हालांकि बिन पेंदे के लौटे की तरह नगर पालिका कार्यवाही कर खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है इसलिए इस और प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।
बहरहाल नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है तो आगे और भी नियम आसानी से टूटते है और एक के साथ अनेक लोग भी आसानी से नियम को तोड़ते हैं। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि जल्द जी नियम तोड़कर मकान में मांस बेचने वालों के मकान सील कर कड़ी कार्रवाई को अंजाम दे ताकि सुधार में पहल होने पर अन्य कोई नियम के विरुद्ध न जाए।