सट्टे की सड़क पर युवा कदम-जुएं के झुंड में गुमराह होती युवा नस्ल। लापरवाह जिम्मेदार, बेपरवाह समाज।
झाबुआ जिला सामाजिक कुरीतियो और अपराधो से भरा पड़ा है जिसे मिटाने के उद्देश्य से समय-समय पर सामाजिक संगठन आगे आते है और कुरीतियो के सुधार पर कार्य करते है। एक ओर सामाजिक अपराध में लिप्त लोगों को सही दिशा दिखाने में बहुत अधिक काम नहीं किया गया है।
ऐसा ही एक सामाजिक अपराध है जुआं और सट्टा जो दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और इस बढ़ते अपराध में समाज के युवा लालच की चौखट के पार होते जा रहे हैं। इन सब का फायदा जुआ और सट्टा खिलवाने वाले ले रहे हैं, जो कि युवाओं के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
समाज सुधारक कहलाने वालो ने कभी भी जिले के किसी भी थाना चौकी पर शिकायत तक नहीं की है, जिले की पुलिस भी दबावों में आ कर कभी कबार एक या दो केस बना देती है और अपनी पीठ खुद ही थपथपा कर न्यूज पेपर की सुर्खियों बटोरती हैं। उसके बाद हफ्ते -हफ्ते काम होता जाता है।
सट्टा जिले के सभी शहरी क्षेत्र में पुलिस की आँखों के सामने चल रहा है जिसे पुलिस देख कर भी अंजान बनकर अपनी अकड़ में रहती हैं।
जानकारी के अनुसार सभी नगर में बस स्टैंड पर सट्टा चलता है खयवालो की सेटिंग सभी से रहती है।
मुख्यतः झाबुआ की बात करे तो यहा पर बस स्टैंड, छतरी चौक, जिला जेल के पिछे पावर हाऊस रोड मारुति नगर दिलीप गेट और विशेष रूप से पानी की टंकी हूडा क्षेत्र में सट्टा जोरों पर चल रहा है।
हालांकि जुआरियों के खेलने का स्थान परिवर्तन हो जाता है जो कि पत्तों की पारी में गुमराह होते युवाओं की संख्या में हर दिन इजाफा करते हैं।
बहरहाल पुलिस की पहुंच इन खयवालो के हर ठिकाने पर है लेकिन वो विशेष भ्रमण के लिए है।
बताएं गए स्थानों पर पुलिस कार्यवाही कर सकती है।
सट्टा चलाने वालों के नामों की लिस्ट भी तैयार है जो कि बहुत जल्द आला अधिकारियों के पास पहुंचने वाली है
इसके अगले भाग में उन सटोरियों और जुआरियों के नाम भी सामाने आयेगे जो की आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं।