स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए शाश्वत प्रेरणा स्त्रोत।


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✍️ डॉ बालाराम परमार ‘हॅंसमुख’

स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए एक शाश्वत प्रेरणा स्त्रोत हैं। 162 वर्ष बाद भी उनके विचार और आदर्श आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं । स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। एक महान व्यक्तित्व के धनी तथा स्वामी रामकृष्ण परमहंस के प्रिय शिष्य जिन्होंने अपने जीवन को युवाओं के लिए एक मिसाल बना दिया।

स्वामी विवेकानंद के विचार और संदेश आज भी प्रासंगिक हैं। वह युवाओं को स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के महत्व को समझाते थे। वह कहते थे कि युवाओं को गीता पढ़ने के बजाय फुटबॉल खेलना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है ।

स्वामी विवेकानंद का मानना था कि युवाओं में एक अपार ऊर्जा होती है, जिसका सही दिशा में उपयोग करना चाहिए। वह कहते थे कि युवाओं को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए ।
आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी की तर्कशक्ति, धैर्य धारण और आत्मविश्वास से बहुत कुछ सीखना होगा।

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