स्थानांतरण के स्टे से स्थगित नहीं होगा स्थानांतरण- एसी के डीसी से कनेक्शन में खराबी के कारण तबादले का फाल्ट। जूनियर अधिकारी को जिले में बैठाने का डीसी का प्रमुख प्रयोजन- नेता नगरी की नपुंसक चाल।

27 Jun 2023

सुर्खियों में है एसी साहब की कुर्सी, जिसको ले कर प्रशासनिक कूनबे में बातें तुफान की हवा की तरह चल रही है। एक कुर्सी पर अधिकारी दो होने पर सहायक आयुक्त कार्यालय व्यंग्यात्मक हंसी का कारण बना हुआ है। 

एसी गणेश भाबर को जिले में आये 10 महिने नहीं हुवे और उनकी बदली कर दी गयी अब उनके स्थान पर तुरंत ही नई एसी की पदस्थापना कर दी गयी। इस मामले को लेकर राजनैतिक चाल चरित्र शुन्य है नेताओं ने न तो कुछ किया है और  न ही इस मामले में कुछ कर सकते हैं। जबकि एसी गणेश भाबर को जिले में लाने वाले भाजपा के ही एक बड़े प्रदेश स्तर नेता ही है। फिर ऊपर से भी उंगली करने और कराने वाले नेता जानकर अनजान बने बैठे है क्युंकि बदली हो गयी तब भी काम तो हो ही गया और अगर स्टे का असर जोरदार रहा तो एसी गणेश भाबर से सम्बन्ध में खोट नही होगी। 

रही बात स्थानिय प्रशासन की तो जवाबदेही कलेक्टर जवाब की जवाबदारी में जरा सी दबी हुई है, तराजू के दोनों पलडो में लाभ लगा हुआ है। अधिक लाभ अधिक समय तक जिस तरफ से मिलेगा प्रशासनिक कार्य प्रणाली उस ओर ही नत मस्तक होगी। 

दबी जुबां से कहने वालों का मनाना है कि, संभाग में बैठे डीसी साहब से एसी साहब के कनेक्शन में खींचा तानी में अन बन हो गयी। दरअसल ये वही डीसी साहब है जो कि इसके पहले वाले सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य (मौन) के साथ होस्टल-होस्टल स्कूल-स्कूल घूम कर गणित को गोलमाल करके खेल खेलकर गये थे। जिसके मूक दर्शक बने थे पहले वाले एसी। मगर उसी खेल को खेलने से एसी गणेश भाबर मैदान में उतरे नहीं तो डीसी की जुगाड़ ने एसी को जिले से बाहर का रास्ता दिखा दिया। 

हालांकि कार्यप्रणाली में एसी अपनी वरिष्ठता के अनुसार ही करते है जिसे लेकर भी बहुत लोगों के पेट में दर्द रहता है। अपनी कार्य निष्ठा और निष्पक्षता और सच्चाई के साथ कार्य को नियमानुसार करते है इस पद्धति से बहुतो को लेन देन के व्यापार में व्यवधान होता है। जो की सीधा असर डीसी तक जाता है। 

बहरहाल, स्टे आर्डर पर क्या होने वाला है वो तो लगभग सभी को पता चल गया है नई एसी मेडम ने कुर्सी सम्भाल ली है, सभी प्रभार अपने हाथ में ले लिये है और सहायक आयुक्त कार्यालय की कार्य पद्धति को समझ भी रही है। चापलूस होस्टल अधीक्षक भी अब एसी मेडम के आस पास चापलूसी के फुल खिला रहे है। ताकि एसी कोई भी आये उनकी सेटिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिये। 

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