सफेद पॉवडर पर खाकी की कहानी- पुलिस ने कल्याणपुरा से एक शख्स के पास से पकड़ा 5ग्राम नशीला पदार्थ। क्राईम ब्रांच का इंकार तो क्या नकली पुलिस ने लूट लिये श्यामू से 30हजार।

08 Jul 2022

जिले में नशीले पदार्थ का सेवन, परिवहन, और बिक्री जोरो पर हैं, जिले नगर, शहर, ग्रामीण इलाको के कोने-कोने में युवाओं पर नशिले सफेद पॉवडर का नशा छाया हुआ हैं। और इस नशे के ओवर डोज से बहुत से युवा मौत को गहरी नींद में जा चुके हैं। नशीले बाजार की यह पगडंडी रतलाम और दाहोद से जिले झाबुआ में जुड़ती हैं। और झाबुआ पुलिस जानते बुझते अंजान बनती हैं। 

हाल ही में बीते शनिवार को क्राईम ब्रांच पुलिस ने कल्याणपुरा से श्यामू नाम के एक शख्स को धर पकड़ा, जिसकी खबर पूरे कल्याणपुरा नगर में फैल गयी। अब बताते है कि श्यामू के पास 5 ग्राम सफेद नशीला पदार्थ था। जिसे साथ लेकर पुलिस वहां से झाबुआ की ओर चल पड़ी। 

क्राईम ब्रांच और कोतवाली पुलिस से इस सम्बंध में जानकारी चाही गयी तो पुलिस ने साफ तौर पर इंकार कर दिया कि ऐसा कोई भी मामला हुआ ही नहीं है। और हुआ भी है तो हमें नही पता। 

ऐसे डगमग और हास्यास्पद जवाब से पुलिस खुद ही संदेह के कटघरे में खड़ी दिखाई देती हैं। 

अब पूरे नगर में मामले की चर्चा यही है कि शनिवार को पुलिस ने श्यामू को 5 ग्राम नशीले सफेद पॉवडर के साथ पकड़ा और 30 हजार लेकर कुछ घण्टों में छोड़ दिया। बताने वाले तो यह भी बताते है कि, पुलिस ने श्यामू से उसको छोड़ने के लिये बहुत पैसो की डिमांड रखी थी, मगर श्यामू इतना दे नहीं सका और साथी से कह कर अपनी खुद की बाइक गिरवी रख कर 30 हजार रुपये पुलिस को दिये। तब जा कर पुलिस की ढीली पकड़ से श्यामू छुट के बाहर निकला। 

हालांकि, जिले में नशीले पदार्थों की हेराफेरी के कल्याणपुरा को केंद्र भी माना जाता है। जावरा और रतलाम से जो नशीला पदार्थ पेटलावद, रायपुरिया के रास्ते मोहनकोट होते हुये कल्याणपुरा आता हैं वो भगौर से होते हुये अंतरवेलिया पहुंचता है वहां से दो भागों में बंट कर एक झाबुआ शहर में आता है और दूसरा मेघनगर थांदला तक जाता हैं। 

पुलिस इस नशीले पदार्थ के परिवहन के जाल से पूरी तरह से वाकिफ है लेकिन लालच की लार टपकाते हुये आंखों पर माया की पट्टी बांध जेब में हाथ डाल लेती हैं। 

बहरहाल, बुरे काम का बुरा नतिजा, नशीले पदार्थ का ऐसे किसी मामले से झाबुआ पुलिस इंकार कर रही है लेकिन लोगों का कहना है कि श्यामू को पकड़ा फिर छोड़ भी दिया। 

तो क्या जिले में कोई नकली पुलिस घूम रही हैं जो असली पुलिस की छवि खराब कर रही है? या फिर असली पुलिस आंख में धूल झोंक रही हैं। अगर ऐसा है तो जिले में नशीले पदार्थों का व्यापार करने वालों की हिम्मत ओर बड़ जायेगी, युवा जो देश का भविष्य है वो नशे में लतपथ होकर नस्लों को नष्ट कर देगे। 

सबूतों की सच्चाई को छुपा कर पुलिस 30 हजार में बिक जाएगी जिले वासियो ने सोचा नही था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *