शिकारियों के लालच और वन विभाग की लापरवाही के कारण जाल में फंसा जंगली तेंदुआ बना काल का ग्रास- डबल तार की आटी में घंटों फंसने से तेंदुए की मौत।

13 feb 2022

जिले में एक जंगली तेंदुए की मौत हो गयी जिसके जिम्मेदार, दो बुंद आसू का अफ़सोस भी नही किया।  

रविवार सुबह सुबह जब ग्रामीणों ने नल्दी के जंगल में तेंदुआ देखा तो तुरंत ही चौकीदार को सूचित किया, जिसके बाद वन विभाग की टीम ने नल्दी के जंगल में पहुंच कर भीड़ जमा कर ली। रेस्क्यू टीम को भी बुलाया लेकिन टीम के आने तक तेंदुआ जिंदगी के आखरी पलों के संघर्ष में अपना जीवन हार गया। 

जानकारी के अनुसार तेंदुआ एक तार के जाल में फंस गया था, जिसके कारण उसके पेट के करीब तार की रिंग फंस गयी, जो की डबल तार की थी, फिर वहा पत्थर थे, जाल में फंसा तेंदुआ काँटों में भी फंसा था, जाल से बाहर निकलने की कोशिश में बहुतो बार वह पत्थर से टकराया होगा, बार-बार अनेको कांटे उसे चुभे होगे, फिर फंदे की तार की रिंग से उसके पेट पर एक कासाव बना होगा, जिसके कारण उस निर्दोष प्राणी की सांसे भी अटक रही थी।  और जीवन को बचाने के लिये जिंदगी के अंतिम क्षणों में मूक पशु ने अपनी जान गवां दी। 

लापरवाह वन विभाग दुर से बस देखता रहा, वन विभाग की रेस्क्यू टीम को जल्दी सूचना कर यदि और जल्दी बुला लिया होता तो झाबुआ जिले का तेंदुआ जिंदा रहता और तेंदुओ की गिनती में कभी झाबुआ का भी नाम होता। मगर शिकारियों के लालच और वन विभाग की लापरवाही और ढीली कार्य प्रणाली के कारण एक जंगली जानवर की जान चली गई। जो की बहुत बड़ा अपराध है।

हालांकि, जिंदगी की जद्दो-जहद में तेंदुए का जीवन जख्मों के साथ समाप्त हो गया। तेंदुए की मौत का जिम्मेदार वन विभाग जिसे यह भी नही पता होता है कि जिले के जंगल में कहां कहां शिकारियों ने इस प्रकार के फंदे और जाल बिछा रखे हैं। शिकारी जाल चाहे जंगली सुवर को पकड़ने के लिये लगाता हो पर है तो वह कानून के विरुद्ध ही। मगर जिले का सुस्त वन विभाग अपने आलसीपन और लापरवाही से ऐसे मौको पर हार जाता है। जब किसी फंसे हुये जंगली जानवर को जिंदा बचाना होता है। 

बहरहाल झाबुआ जिले के लापरवाह वन विभाग ने एक जंगली तेंदुए को मार दिया जिसकी सफाई में सब अपने अपने बयां को घुमते-फिरते रहेगे। सत्य को छुपयेगे और सत्य से छूपेंगे। वन  विभाग को पता लगना चाहिये की जिले के जंगल में कहा कितने शिकारियों ने जाल बिछा रखे हैं। क्युकि इनकी वजह से बेजुबां जानवरों की जान चली जाती हैं।

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