व्यक्तित्व का निर्माण करना ही संघ का कार्य है- दिनेश पारगीआरएसएस के शताब्दी वर्ष पर निकाला पथ संचलन:स्वयंसेवकों ने दिखाया अनुशासन, बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा पर दिया बल

मदरानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मेघनगर के मदरानी मण्डल में पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस दौरान सैकड़ों गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने घोष वाद्य की धुन पर अनुशासित कदमताल की। कार्यक्रम के अतिथि रमणलाल प्रजापत, हलिया भगत उपस्थित थे। कार्यक्रम में स्थानीय मातृशक्ति और गणमान्य नागरिकों ने रंगोली और पुष्पवर्षा के साथ स्वयंसेवकों का भव्य स्वागत किया। मुख्य वक्ता मेघनगर खण्ड के खंडकार्यवाह दिनेश पारगी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि 1925 में विजयादशमी के दिन स्थापित संघ अब अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने बताया कि संघ का मूल उद्देश्य राष्ट्र निर्माण और समाज का समग्र विकास है।


पारगी ने कहा कि संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण का केंद्र हैं, जहां हर आयु वर्ग के लोगों के लिए कार्यक्रम होते हैं। शाखाओं के माध्यम से राष्ट्रभक्ति और एकता का भाव विकसित किया जाता है। उन्होंने बताया कि संघ जाति-भेद को मिटाकर संपूर्ण हिंदू समाज को एकसूत्र में बांधने का प्रयास कर रहा है, जिसका लक्ष्य भारत को परम वैभव तक पहुंचाना है।


श्री पारगी ने अपने संबोधन में कहां की संघ वह पारस पत्थर है इसके संपर्क में आने से मनुष्य साधारण से और असाधारण हो जाता है संघ की ध्वज को प्रणाम करना है संघ की सदस्यता है। किसके साथ ही संघ का मुख्य उद्देश्य देशभक्ति निस्वार्थ सेवा, संघ का बाहर से नही जाना जाता है। इसके उद्देश्य को जानने के लिए शाखा में जाना अनिवार्य होता है। संघ में आकर व्यक्ति के सारे अवगुण छूट जाते हैं और वहां बाहर जाकर स्वच्छ समाज का निर्माण करता है अंत में महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए महापुरुषों की गौरव और संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।

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