भारत की ज्ञान परंपरा विश्व में समृद्ध और प्राचीन – राष्ट्रीय सेमिनार।

” जीवन को सुंदर बनाने में भारतीय ज्ञान परंपरा अहम “
” भारतीय ज्ञान परंपरा की बहती अविरल धारा और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ” विषय पर हुआ राष्ट्रीय सेमिनार “
” डॉ. कलाम के ग्रंथ और कार्यों से युग – युगों तक ज्ञान प्राप्त करते रहेंगे “

27 फरवरी 2025 गुरुवार को पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस शहीद चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन दो सत्र में सम्पन्न हुआ।
सेमिनार के मुख्य अतिथि जनभागीदारी समिति अध्यक्ष खेमसिंह जमरा ने अपने विचार रखते हुए बताया कि – डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हमारी ज्ञान पंरपरा का अटूट हिस्सा है। उनके लिखें ग्रंथ और कार्यों से हम युग – युगों तक शिक्षा प्राप्त करते रहेंगे। विशेष अतिथि रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. गीता दुबे ने बताया कि – भारतीय ज्ञान पंरपरा विश्व की सबसे समृद्ध और प्राचीन परंपराओं में मानी जाती है, जो हमारे बौद्धिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों को समान महत्व देती है।

इतिहासविद डॉ. केके त्रिवेदी ने भी इस बारें में बताया कि भविष्य को सुंदर कैसे बनाएं, यह हमारी ज्ञान परंपरा में छिपा है। भारतीय ज्ञान परंपरा का महत्व विश्व प्रसिद्ध है। आज हमें पाश्चात्य शिक्षा की नहीं, भारतीय शिक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने शहीद चन्द्रशेखर आजाद पर भी अपने विचार रखें।
विषय विशेषज्ञ वक्ता डॉ. अनुराधा शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर अंग्रेजी नवजीवन कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय दाहोद ( गुजरात) ने अपने उद्बोधन में कहा कि – हमारे प्राचीन ग्रंथों से अन्य देश लाभ उठा रहे हैं। हमें भी इनका निरंतर अध्ययन करके सही तरीके से व्यक्तित्व में निखार लाना है।

विषय विशेषज्ञ वक्ता डॉ. प्रशांत पौराणिक प्रोफेसर इतिहास शासकीय कन्या पीजी कॉलेज उज्जैन ने उज्जयिनी के प्राचीन इतिहास और ज्ञान पर प्रकाश डाला साथ ही हाल ही में विक्रमोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा शिवरात्रि को किया गया, उसके महानायक संवत प्रवृतक विक्रमादित्य पर भी विचार अपने विचार रखें।
डॉ. केशवमणि शर्मा प्रोफेसर वाणिज्य पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस उज्जैन ने कहा कि – भारतीय दर्शन न्याय, कर्म, मोक्ष और सत्य की उच्चतम विचारों की व्याख्या है, जो वर्तमान समाज की प्रेरणा का स्रोत है।

इस सेमिनार में झाबुआ जिले के समस्त शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे। इसके अलावा देश, प्रदेश से आए प्रतिभागी, शोधार्थी आदि ने भी अपने – अपने शोधपत्रों के माध्यम से अपने विचार रखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. जेसी सिन्हा और प्रशासनिक अधिकारी डॉ. रविन्द्र सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गोपाल भूरिया और सत्र संचालन डॉ. सुनील कुमार सिकरवार व डॉ. पुलकिता आंनद ने किया।

उस दौरान सेमिनार संयोजक डॉ. संजू गांधी, डॉ. अंजना सोलंकी, रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. प्रदीप संघवी, पीएम उषा प्रभारी डॉ. वीएस मेड़ा, डॉ. जीसी मेहता, डॉ. रीता गणावा, पीएस डावर, डॉ. बीएल डावर, डॉ. राजू बघेल, डॉ. मनीषा सिसौदिया, शंकरलाल खरवाडिया, जेमाल डामोर, डॉ. अमित गोहरी आदि उपस्थित थे।