फॉलेन आउट किया तो सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे अतिथि विद्वान।
” सालों से प्रोफेसरों की कमी को पूरा करते आए हैं अतिथि विद्वान “
” 30 मई तक इनके स्थान पर होंगे स्थानांतरण “
” नियमितीकरण के नाम पर अब तक मिला है अधूरा भविष्य “
25 सालों से प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में प्रोफेसरों की कमी को पूरा करने का काम अतिथि विद्वानों ने किया है। लेकिन सरकार ने इन्हें नियमितीकरण के नाम पर केवल अधूरा भविष्य और फॉलेन आउट ही दिया है। अनेकों आवेदन, मेल, धरना प्रदर्शन आदि के बाद 11 सितंबर 2023 को मुख्यमंत्री निवास भोपाल में अतिथि विद्वान पंचायत आयोजित हुई थी। जिसमें इनके भविष्य को उत्कृष्ट बनाने की घोषणाएं हुई थी।
जब आदेश निकालें गए तो पहले से चले आ रहे 1500 रूपए प्रति कार्य दिवस में केवल 500 रूपए की वृद्धि कर दी गई। 50 हजार प्रतिमाह और सरकार का अंग बताना खोखला साबित हो गया। रिडिप्लायमेंट से पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस के अतिथि विद्वानों पर विगत 5 माह से तलवार लटकी हुई है।
वहीं नवीन स्थानांतरण पॉलिसी से पीएम कॉलेज सहित नियमित फैकल्टी के ट्रांसफर इसी माह में होंगे। जिससे अतिथि विद्वानों को फॉलेन आउट का पत्र प्राचार्य द्वारा थमाकर बेरोजगार कर दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुरजीत सिंह भदौरिया ने सरकार की अनदेखी पर कहा कि – यदि स्थानांतरण और पीएससी चयनितों की नवीन पोस्टिंग से अतिथि विद्वानों का रोजगार छीना जाता है तो हमें मजबूरीवश सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
मोर्चा के मीडिया प्रभारी शंकरलाल खरवाडिया ने भी बताया है कि – पहले रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों को सेटल करके ही उच्च शिक्षा विभाग को नियमित का स्थानांतरण करना चाहिए। सार्वजनिक मंच और मीडिया जगत के सामने पिछली सरकार में पंचायत में की गई घोषणाओं को वर्तमान मोहन सरकार को अमल में लाना चाहिए। ज्यादातर अतिथि विद्वान ओवर एज हो गए हैं, अब कहां जाएंगे।
अन्याय की हद कब तक नियमित करोगे अतिथि विद्वान को अपनी जिन्दगी से कब संतुष्ट होंगे
अतिथि विद्वान को कब न्याय मिलेगा हद की दी स्थायित्व देने के बदले ट्रांसफर बाहर का रास्ता दिखाने और कई जिंदगी को खत्म करना चाहती है कृपया पहले नियमित करे फिर आगामी कार्य पूर्ण करें