प्रशासन और प्रदूषण बोर्ड की केमिकल फैक्ट्रियों पर पैनी नजर- जल्द ही शुरू किया जाएगा ट्रीटमेंट प्लांट।

झाबुआ जिले के मेघनगर शहर में बसा औद्योगिक क्षेत्र जिसकी केमिकल फैक्ट्रियो से निकलने वाले वेस्ट तरल पदार्थ की वजह से सैकड़ो पशुऔ की मौत हो चुकी हैं। साथ ही इसके आसपास के रहवासियों के स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है, लोगों की इम्युनीटी कम होने के कारण वें जल्द ही बिमार हो जाते हैं। बच्चों युवा और महिलाओ को चर्म रोग, पेट की बिमारी के साथ आंखो में जलन आए दिन बुखार आने की शिकायत और कइयों को तो स्वास की समस्या भी हो चुकी हैं। बुजुर्गो की हालत ज्यादा खराब है।
बीते दिनों गारिया नाला जिसमें केमिकल युक्त पानी सदैव बहता ही रहता है जहां एक नील गाय की मौत हो गई थी उसके बाद लोगों ने बहते केमिकल के पानी पर रोक लगाने की मांग कर धरना दिया। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और जिन फेक्ट्रियों से ज्यादा केमिकल निकलता पाया गया उन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की।
मामले में मेघनगर के एसडीएम से जानकारी प्राप्त हुई कि, सात से आठ कम्पनियों को नोटिस दिए गए हैं। कड़ी जांच की जा रही है दोषी पाए जाने पर प्रशासन कंपनी पर ताला भी लगा सकता है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि लोगों स्वास्थ्य के साथ खिलवाड न हो। जिसके लिए कलेक्टर भी प्रतिबद्ध है

हांलाकि नोटिस देकर फेक्ट्रियों के सेम्पल भी लिये गये है एसडीएम का कहना है कि जांच निस्पक्ष होगी किसी प्रकार की न तो कोई गडबड होगी न ही कोई लेनदेन होगा। समस्याओ का समाधान निकाला जाएगा। एकेवीएन के साथ सभी कंपनी मालिको की बैठक में यह भी तय किया गया है कि आगामी 30 दिनों में ट्रीटमेंट प्लांट भी शुरु कर दिया जाएगा।
बहरहाल सांप भी मर जाए और लाठी भी न टुटे, प्रशासन के रवैए से कार्य में गति तो अवश्य है साथ ही बहते केमिकल युक्त पानी को देखकर शंदेह भी है।
यु तो मेघनगर एसडीएम मुकेश सोनी ने फेक्ट्रियों पर कार्रवाई को लेकर और भी बहुत कुछ कहा है…

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