पोस्टर विवाद में दोषी कौन- आरोप लगाने वाले और आरोप को झुठा बताने वाले दोनों संगठन ने पुलिस को दिया आवेदन। 10 अगस्त तक 144 धारा लागू है। 2 दिन बाद जयस निकाल सकता है बड़ी रैली।

9 Aug 2021

रविवार दोपहर कल्याणपुर नगर में दो संगठनों का हल्ला हुआ, ये दोनों संगठन आदिवासी हित की बातें करते है। मगर दोनों में भिन्नता अपार है। क्युंकि एक संगठन वामपंथीयो की विचारधारा को मानता है तो एक संगठन हिंदू विचार को प्रधानता देता हैं। दोनों संगठनों के महापुरुष एक समान है, मगर मानने का तरीका अलग-अलग हैं। 

9 अगस्त को आदिवासी दिवस मनाने के पीछे जयस की विचारधारा है, कि यह विश्व में मनाया जाता है, मगर दूसरा संगठन इसे नहीं मानता क्युंकि यह तो अत्याचार के बाद अधिकार का झुनझुना है जो कि पूरे विश्व में बहुत कम देश इसका समर्थन करते है। 

खैर कल्याणपुरा में आदिवासी दिवस के पोस्टर को फाड़ा और जयस ने जोर लगाया कि पोस्टर फाड़ने वाले पर कार्यवाही कि जाये, साथ ही उनका कहना है कि जयस कार्यकर्ताओं को रैली निकलने पर धमकाया भी गया है, इसी बात को आधार बना कर जयस ने आवेदन दिया है कि कल्याणपुरा के ही राजेश और लखन नामक युवाओं ने उनको उस वक्त धमकी दी जब वे पोस्टर लगा रहे थे। साथ ही साथ आवेदन करने वाले जयस के कार्यकर्ता मुकेश ने या भी बताया की रैली निकलने की बात पर भी राजेश ने कहा कि देखते है तुम्हारी रैली में कितने लोग आते है।  

अगले दिन पोस्टर फटा और जब हल्ला हुआ तो जयस ने पुलिस को आवेदन दिया। इसकी सूचना जब हिंदू जनजाति संगठन को मिली तब संगठन ने भी तय किया कि जो आरोप जयस हिंदू संगठन पर लगा रहा है वो सरासर गलत है और आवेदन दे कर निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की है। 

साथ ही हिंदू जनजाति संगठन ने कहा है कि किसी भी पोस्टर को फाड़ने जैसी घटिया हरकत हिंदू जनजाति संगठन नहीं करता। संगठन के विचारों में प्रबलता है और वही विचार सामज को विकास की और ले जाता है। और यहीं विचार हम लोगों तक पहूंचाते है। 

जानकारी के मुतबीक जयस इस घटना से आक्रोश में आया है और शासन के निर्देश के कारण रुक है, क्युंकि 10 अगस्त तक धारा 144 लागू है। जिसके समाप्त होने के बाद कल्याणपुरा में शक्ति प्रदर्शन करने के लिये जयस बड़ी रैली आ आयोजन भी कर सकता है। 

हालांकि, जयस के आवेदन में जीन युवकों के नाम है उसमें से एक तो वहां था ही नहीं दूसरे युवक का कोई कनेक्शन है नहीं कि वो किसी भी रूप में पोस्टर को फाड़ दे। 

पुलिस का कहना है कि जांच की जायेगी। ऐसे आरोप पर FIR नहीं लिखी जा सकती। 

बहरहाल, बिना अनुमति के किसी के घर में नहीं घुसा जाता, तो सम्भव है कि बिना अनुमति के किसी के घर पर किसी भी प्रकार का पोस्टर भी नहीं लगाया जाता है। हो सकता है कि सारा मामला इसी की उपज हो और जयस इस मामले को बढ़ाने में अपनी पब्लिसिटी समझ राजनीति कर रहा है। 

फिर 144 धारा के चलते न रैली निकलना है न ही कोई कार्यक्रम। 

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