पंचायती राज लागू होने के बाद से ग्राम पंचायत में था कांग्रेसी सरपंच- पहली बार भाजपायी सरपंच की ग्राम पंचायत में हुई जीत। थोड़ा विवाद, थोड़ी सख्ती, थोडे तनाव के बीच से होते हुये, हुई भाजपा समर्पित प्रत्यासी की जीत।

2 Jul 2022

झाबुआ तहसील के ग्राम पिपलीपाड़ा में पंचायत चुनाव के द्वितीय चरण में चुनाव सम्पन्न किये गये जिसमें आजादी के बाद से जब पंचायत राज लागू किया गया था उसके बाद से ही ग्राम पंचायत पिपलीपाड़ा में कांग्रेस के सरपंच का दबदबा था। जो की एक ही परिवार से था। जिसने कभी भाजपा को जीतने नहीं दिया, मगर इस बार के पंचायती चुनाव में भाजपा प्रत्यासी ने अपनी समाजसेवी प्रणाली से और विकास कार्य की बोद्धता से मतदाताओ का दिल जीता और जीत हासिल की। 

जानकारी के अनुसार चार प्रत्यासी चुनावी मैदान में थे जिसमें 

सीता पति माँगीलाल को 680 वोट मिले,

भूरा पति भेरू भूरिया को 597 वोट मिले,

ऐसे ही थानसिंह रतन भूरिया को 220 वोट और, 

रामचंद कलजी भूरिया को 31 वोट मिले। 

ग्रामीणों ने बताया कि, ग्राम पीपलीपाड़ा तहसील झाबुआ व जिला झाबुआ म प्र में जब से पंचायत राज घोषित जब एक ही घर में सरपंच रहे। पहले स्वगीय पेमा भूरिया फिर स्वगीय भेरू भूरिया 38 साल से पंचायत पर राज था। और आज भाजपा से सीता पति माँगीलाल भूरिया ने 60 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुये कॉंग्रेस के सरपंच को हराया है।

हालांकि, जीत हासिल करने में प्रत्यासी को जो मेहनत लगी है उसका अंदाजा आम आदमी नही लगा सकता क्युकि इसकी तय सीमा एक दो या सात साल नहीं वरन 10 सालो से ज्यादा की मेहनत हैं। 

बहरहाल, सफलता को कोई पारिभाषित नहीं कर सकता क्युकि हर सफलता की कहानी और उसके पीछे की मेहनत का स्वर्णिम समय अलग अलग होता हैं। और सालो साल बाद कांग्रेस पक्षधारी को हरा कर पिपलीपाड़ा की भाजपा प्रत्यासी सीता ने अपनी मेहनत को सबीत कर ग्राम पंचायत में जीत का परचम लहराया। 

फिलहाल जनता उसपर ही भरोसा करती है जिस पर उसे लगता है कि, वो अब गांव का विकास चाहती और गांव की एक विकास गाथा लिखेगी। 

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