नाराज कार्यकर्ताओं के चेहरे पर क्रोध-कमलनाथ ने तोड़ दिया वादा। कांग्रेस की नाव में हिंडोले। झाबुआ से देना थी जेवियर मेड़ा को टिकीट… निर्दलीय चुनाव लड़ने की मंशा?

झाबुआ विधानसभा में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भुरिया को टिकट मिल चुका है।
सूत्रो के अनुसार झाबुआ विधानसभा पर भी बहुत रिसर्च किया गया और विक्रांत भूरिया को कांग्रेस से विधानसभा प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस ने पिछ्ली बार की तरह इस बार भी जेवियर मेड़ा की कोहनी में गुड शुरु से ही लगा दिया था।
बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा को आश्वासन देते हुये स्पष्ट कहा था कि कांग्रेस से झाबुआ विधानसभा के प्रत्याशी के रूप में जेवियर मेड़ा का ही नाम रहेगा, मगर खेल में पांसे किसी और के हाथ से डलवा दिये और पलभर की आंखमिचौली में पान्सो के अंक भी बदला गये। भोपाल की दौड़ का असर बेकार हो गया।
इस बात से जेवियर समर्पित लोगों ने और कार्यकर्ता ने अपना रुख बदल लिया है। कमलनाथ के झूठे वादे से सभी चीड़ गये है।
जब उपचुनाव में जनता जेवियर मेड़ा को पसंद कर रही थी तब भी कांतिलाल भूरिया की जिद पर कमलनाथ ने जेवियर मेड़ा को समझाया और अगले चुनाव में टिकट देने का वादा किया जिसकी खबर आम जनता के कानों तक पहुंच गयी थी। उसके बाद जेवियर मेड़ा की कड़ी मेहनत से उप चुनाव में कांग्रेस को जिताया। लेकिन अब जब 2023 के विधानसभा के चुनाव आते ही कान्तिलाल भूरिया से सूर तेज हुवे और बेटे विक्रांत के लिये टिकट की मांग पर अड़े रहे और लालच के लड्डू में वादे का घी खत्म हो गया।

हालांकि, हवाओ में हौसला किस हरकत का है यह तो अभी लॉलीपॉप के हाथ में आने के बाद ही पता चलेगा।
बहरहाल जेवियर मेड़ा इस वादा खिलाफी पर अपना कौन सा फरमान सुनाते है अभी किसी को कुछ नहीं पता। नाराजगी के नमस्ते में दूर की राम राम। सूत्र बताते है कि टिकट देने का पक्का वादा करने के बाद भी झाबुआ विधानसभा की टिकट नही मिलने के कारण जेवियर मेड़ा निर्दलीय ही चुनाव में उतर सकते हैं।

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