गुजरात में आये दिन पकड़ा रही मध्यप्रदेश की अवैध शराब- अवैध शराब का सीधा सम्बंध झाबुआ से। गुजरात पुलिस ने जिले के एक लाइसेंसी को धर दबोचा। कुछ और आरोपियों को उठाने की ताकिद में है गुजरात पुलिस।
09Jun 2022
सन 1965 में जब गुजरात राज्य में शराब बन्द कर दी गयी उसके बाद से सारे नियम कानून बनाये गये कि अब गुजरात राज्य में शराब नही बिकेगी। मगर शराब की तस्करी पहले भी जोरो से होती थी और वर्तमान में भी हो रही हैं।
बीते एक महिने की ही सुर्खियों को बटोरा जाये तो पता चलेगा कि गुजरात राज्य की दाहोद, और झालोद पुलिस ने मध्यप्रदेश की अवैध शराब को पकड़ा हैं। जिसमें झाबुआ जिले से आने वाली शराब के बडे और छोटे वाहनों को भी पकड़ा हैं।
सूत्रो के मुताबिक़ बीते महिने पहले जिले की शराब दुकान मदरानी से एक शराब से भरा ट्रक गुजरात में विजीलेंश पुलिस ने पकड़ा था जिसमें मदरानी और मेघनगर ग्रुप के एक शराब लाईसेंस धारी के साथ जिले के प्रमुख नामी ठेकेदारों के नाम से गुजरात पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। साथ में और भी कुछ नाम थे।
गुजरात पुलिस जब भी जिले में आमद दी आरोपी यहा से तत्काल फरार हो गये क्युकि आरोपियों को तत्काल सूचना मिल जाती थी। फिर जब गुजरात पुलिस को तगड़ी मुकबीरी मिली तो मदरानी और मेघनगर ग्रुप के लाइसेंस धारी सोनी को कल्याणपुरा से धर दबोचा।
इस संबध में कल्याणपुरा टीआई दिनेश रावत ने बताया कि, गुजरात पुलिस ने तो आमद दी नहीं मगर हा राजस्थान पुलिस ने जरुर आमद दी थी जबकि ये सत्य है कि गुजरात पुलिस ने झाबुआ जिले के शराब लाईसेंसधारी को सलाखो के पीछे किया हैं।
हालांकि, आलिराजपुर के चांदपुर से गुजरात में पकड़ाई शराब से भरी एम्बुलेंस में भी शहर के नामी शराबी ठेकेदार के नाम एकआईआर में चढ़े थे। ऐसे अनेकोनेक प्रकरणों में नाम है दोनों के मगर रसूख के चलते कभी खाकी के हाथ नहीं आये।
बहरहाल, जिला आबकारी विभाग ऐसे कारनामो में यह कह कर बच जाता है कि विभाग द्वारा टीपी जारी की गयी है और जिस वाहन की टीपी जारी होती है उसमें शराब धीरे-धीरे भराई जाती है और वह वाहन गुजरात राज्य की सीमा में प्रवेश कर जाता है जिसमें मूक दर्शक आबकारी विभाग सिर्फ मुस्कुराता ही हैं। वहीं पुलिस का खेल कैसे होता है यह भी अगले अंक में बताया जायेगा।