करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान (परीक्षा की तैयारी)
लेखिका :- निवेदिता सक्सेना।
कुछ ही दिनों बाद परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला हैं ,कई विद्यार्थी एक अच्छी प्लानिंग के साथ रिवीजन पर आ गए और कई साल भर ध्यान न दे पाने के कारण संशयं में है। विद्यार्थियों के ग्रुप में भी चर्चा का विषय फिलहाल अभी यही रहता हैं खासकर तब जब पांचवी आंठवी दसवीं व बारहवीं ये सभी आज बोर्ड में शामिल होने वाली कक्षाएं हैं।
जहाँ विद्यार्थी परीक्षा तैयारी में हैं उतना ही दबाव माता पिता पर भी आता ही हैं क्योंकि अपने बच्चों की साल भर की तैयारी को फलीभूत जो करना है। इस समय कई विद्यार्थीयो के मनोभावों में क्रांतिकारी परिवर्तन होते है जैसे घबराहट के कारण खाना न खाना ,नींद पूरी न होना ,रिवीजन की प्लानिंग न कर पाना, पढ़ते ही कइयों को नींद आने लगती हैं उन्हे महसूस होता हैं देर से पढ़ लेगे ,कल करेंगे क्योंकि साल भर अध्ययन टलता रहा , जो मोबाइल एडिक्ट हैं वो मोबाइल को छोड़ने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है या फिर एक साथ पूरा कोर्स करने की कोशिश ओर इम्पोर्टेंट प्रश्नों की खोज , तो ये कुछ ऐसी समस्या है, कुछ विद्यार्थी व्यक्तिगत समस्याओं व कठिन स्थितियों का सामना करते हुए भी एक प्लानिंग के साथ रिवीजन तो कर रहे लेकिन डर भी हैं, कुछ टॉप आने की तैयारी में लगे हैं ,कुछ पास हो जाये उसी में संतुष्ट हो जायेगे वही कुल मिलकर विविधता में भी सिर्फ एकता की तरह सभी के पास विषयो की रणनीति की तैयारी चल रही।
फिलहाल ये परीक्षा का समय और मौसम के परिवर्तन का दौर भी रहता हैं फरवरी_मार्च एक तरह से मौसम का संक्रमण काल जिसमे कई रोगकारक सूक्ष्मजीव का उत्पन्न होते है यही वह समय होता हैं जब एलर्जी, वायरल फीवर, स्माल पॉक्स, चिकन पॉक्स या फिर श्वसन तंत्र की बीमारियां फैलती रहती हैं। उस पर परीक्षा का समय ऐसे में खान पान व सूक्ष्मजीवों से बचने की जानकारी होना आवश्यक हैं।
परीक्षा के समय या शुरू होने के पहले खानपान का विशेष ध्यान रखना जरूरी हैं कुछ चीजों में परहेज रखे जैसे बाहर का खाना या स्ट्रीट फूड ,ज्यादा तली चीजे या खट्टे पदार्थ , क्योंकि विद्यार्थी ज्यादातर बैठे बैठे ही अध्ययन करेंगे इसके कारण अधिकतर बच्चे परीक्षा इसीलिए ज्यादा चाय व कॉफ़ी का उपयोग करना ज्यादा चाय कॉफ़ी अमाशय में अम्लता की अतिवृद्धि करती हैं इस कारण पेट मे मरोड़ या कब्ज विकसित होती हैं। अधिकतर बच्चे परीक्षा के तनाव के समय भूखे रहते है ये भी अतिअम्लता व कमजोरी को बढ़ाती हैं। अतः शरीर को संतुलित आहार मिलना जरूरी है जैसे सुबह फल मिश्रित हल्का नाश्ता , डाला चावल ,रोटी, सब्जी, छाँछ ,सलाद रात को हल्का खाना खिचड़ी या दलिया ,बेसनी चीला क्योंकि इससे आयरन मिलेगा व रात को दूध अवश्य लेना उचित होगा।
बोर्ड एग्जाम के समय विषयानुसार ब्लू प्रिंट की सहायता अवश्य लेना चाहिए।रात को सोने के पहले आसान पाठों का रिवीजन कर सोना चाहिए ,जिससे एक साथ कई पाठों का रिवीजन या याद न करना पड़े, याद कर लेने के बाद बिना देखे लिखने का अभ्यास अवश्य करे जितना हम लिखेंगे उतनी ज्यादा स्मरण क्षमता बढ़ेगी ये हमने सुना ही होगा करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान । वर्षपर्यन्त विद्यालय में शिक्षकों द्वारा कराए गए टेस्ट ,परीक्षाओ के पेपर का रिवीजन भी करे।
सुबह जल्दी उठकर इष्टदेव व माता पिता का ध्यान करे ,अच्छे दिन व अध्ययन के लिए प्रार्थना अवश्य करे। पूर्व में रिजल्ट जो भी रहा हो आज की तैयारी व को ध्यान दे उस पर सकारात्मक सोच रखना उपर्युक्त होगा । अच्छी नींद ले, आलस को हावी न होने दे आवश्यकता अनुरूप व्यायाम योग स्मरण शक्ति को बढ़ाएगा ।
जिम्मेदारी हमारी
*ये समय कड़ी मेहनत का समय हैं । प्रयास से ही सफलता मिलेगी।। *पुराने 5 वर्षो के पेपर्स का रिवीजन करे।
*माता पिता को घर मे परीक्षा अनुकूल परिस्थिति बनाये रखें।
*बच्चो को बार बार अधिक नम्बर लाने या भविष्य की चिंता ना जताए। बच्चे को उसकी क्षमता अनुरूप सहयोग करे। दबाव न बनाये।
उद्धमने ही सिद्ध्यन्ति कार्याणि न मनोरथे।
न ही सुप्तस्य सिहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा।।
कार्य की सफलता के लिए मेहनत करनी पड़ती हैं। वैसे ही सिंह के मुख में मृग स्वयं प्रवेश नही करता है।