अतिथि विद्वान ने नियमितीकरण के लिए आग्रह पूर्वक लिखा मुख्यमंत्री को पत्र।

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” पंचायत से बहुत कुछ लाभ दे दिया अब केवल नियमितीकरण कर दीजिए “

” हरियाणा सरकार पास कर चुकीं हैं अतिथि प्राध्यापकों की सेवा सुनिश्चितता विधेयक ”

पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस शहीद चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ के दो दशक अनुभवधारी अतिथि विद्वान शंकरलाल खरवाडिया (मीडिया प्रभारी) ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर बताया कि प्रदेश में शासकीय महाविद्यालयों में वर्तमान में 4700 के लगभग अतिथि विद्वान 2000 रूपए प्रति कार्य दिवस पर सेवा दे रहे हैं। यह व्यवस्था सन 2002 से सतत जारी है। इससे पहले अंशकालीन सहायक प्राध्यापक के नाम से जारी थी। अनेकों बार सरकार से बेहतर भविष्य का आश्वासन भी मिला, किंतु पूर्व शिवराज सिंह चौहान सरकार में डॉ. मोहन यादव के उच्च शिक्षा मंत्री रहते 11 सितंबर 2023 को मुख्यमंत्री निवास पर अतिथि विद्वानों की एक पंचायत आयोजित हुई थी। जिसकी घोषणाओं में शासकीय सेवकों के समान अवकाश, कार्य दिवस की बजाय 50 हजार रुपए मासिक वेतन, नजदीकी महाविद्यालयों में स्थानांतरण, पीएससी की परीक्षा में 25 प्रतिशत आरक्षण व अनुभव के 5 वर्ष के 20 अंक को बढ़ाकर पीएससी में 10 प्रतिशत बोनस करना, लगातार पढ़ाने वाले को बाहर नहीं करना व फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को रिक्त पदों पर सेवा में लेने की घोषणा की गई थी।

जिसमें से लगभग घोषणाएं पूरी कर दी गई। लेकिन 50 हजार फिक्स वेतन के स्थान पर 2000 रूपए प्रति कार्य दिवस का आदेश जारी कर दिया। पीएससी में 10 प्रतिशत बोनस अंक व नियमितीकरण का आदेश अब तक जारी नहीं हुआ।

बीजेपी शासित हरियाणा राज्य ने अतिथि प्राध्यापक सेवा सुनिश्चितता विधेयक 14 नवंबर 2024 को विधानसभा में पास कर दिया। जिसमें उन्हें यूजीसी के मूल वेतन सहित अन्य सुविधाओं का लाभ भी दे दिया गया है। ऐसा हिमाचल प्रदेश, यूपी आदि राज्यों में भी किया गया है। आग्रह पूर्वक अपील में बताया कि लगभग अतिथि विद्वान यूजीसी की अनिवार्य शर्तों को पूरा करते हैं। लंबे समय से सेवा देने व पीएससी से समय – समय पर सहायक प्राध्यापक भर्ती का आयोजन नहीं होने से कुछ अतिथि विद्वानों की आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा ( 50 साल से अधिक) पार हो गई है। साल दर साल शिक्षण कार्यभार बढ़ने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर नियमित प्राध्यापकों के काम का बोझ बढ़ने के कारण अतिथि विद्वान सहयोगी का काम करते आए हैं। पंचायत से अतिथि विद्वानों को बहुत कुछ लाभ दे दिया है, थोड़ा – सा लाभ ( सेवा सुनिश्चितता / सुरक्षा ) ओर दे दीजिए। जिससे अतिथि विद्वानों का शेष जीवन का गुजर बसर हो सकें।

3 thoughts on “अतिथि विद्वान ने नियमितीकरण के लिए आग्रह पूर्वक लिखा मुख्यमंत्री को पत्र।

  1. महोदय शीघ्र अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कीजिए……

  2. महोदय 20 वर्षों से भाजपा सरकार का मध्य प्रदेश में शासन है परंतु फिर भी अतिथि विद्वानों का भविष्य असुरक्षित है मध्य प्रदेश के समस्त अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कीजिए आप के कार्यकाल में….. विनीत मध्य प्रदेश के समस्त अतिथि विद्वान परिवार 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  3. महोदय 20 वर्षों से भी ज्यादा भाजपा सरकार का शासन रहा है फिर भी मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वानों का भविष्य असुरक्षित क्यों…. शीघ्रआपके कार्यकाल में नियमितीकरण की सौगात दीजिए 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

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