Prerak Prasang
अपने जीवन के शिल्पकार (माता-पिता, शिक्षक, गुरु आदि) को पहचानकर, उनका सत्कार करे।
0 बांगरू-बाण संकलित श्रीपाद अवधूत की कलम से एक थका-माँदा शिल्पकार लंबी यात्रा के बाद किसी छायादार वृक्ष के नीचे
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July 23, 2025
जीवंत या काल्पनीक कहनी से संबंधित
0 बांगरू-बाण संकलित श्रीपाद अवधूत की कलम से एक थका-माँदा शिल्पकार लंबी यात्रा के बाद किसी छायादार वृक्ष के नीचे
1 श्रीपादावधूत की कलम से *वैदिक काल में होली पर्व को नवात्रेष्टि यज्ञ कहा जाता था। उस समय खेत के