मोदी के मन की बात में सायबर धोखाधड़ी की चिंता। समस्या के समाधान की दी समझाईश।
रिंकेश बैरागी,
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यक्रम मन की बात में सायबर क्राइम की चिंता जताई है, सायबर ठग डिजिटल अरेस्ट कर जनता के साथ धोखाधड़ी कर रहें हैं जिसे लेकर देश के प्रधान ने समस्या के समाधान को लेकर समझाईश भी दी है, उन्होंने जनता को जागरुक होने के साथ डिजिटल सुरक्षा के तीन चरणों को फोलो करने की गुजारिश की है। पहला चरण, रुको, दूसरा सोचो, तीसरा एक्शन लो। प्रधानमंत्री ने कहा है कि जब भी ऐसा कोई कॉल आए तो रुके, घबराएं नहीं शांत रहें जल्दबाजी में कोई कदम न उठाए, साथ ही किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें। संभव हो तो स्क्रीनशॉट ले और रिकॉर्डिंग जरुर करे। इसके बाद सोचे, कोई भी सरकारी एजेंसी इस तरह धमकाती नहीं है न ही विडियों कॉल पर पुछताछ करती है और न ही किसी प्रकार से पैसो की मांग करती है। फिर भी अगर डर लगता है तो सुरक्षा का तीसरा चरण एक्शन लो। राष्ट्रीय सायबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें। सायबर क्राइम डाट जीओवी डाट इन पर रिपोर्ट करें। परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें।
देश की भोलीभाली जनता को चतुर चंट सायबर ठग जागरुक होकर जनता की जागरुकता के अभाव का फायदा उठाकर जनता के साथ धोखाधड़ी कर देते हैं। जो कि, देश में बहुताय स्थानों पर हो रहा है, कहीं बेंक कर्मचारी बन कर बुजुर्गो से ओटीपी मांग कर पैसा गायब करते तो कहीं लोगों को डरा धमका कर पैसा लेते।
एक ताजा घटना जिसमें जिस महिला के साथ धोखाधड़ी की गई वह पैसो को पकड़कर रखने में माहिर थी फिर भी ठगों ने धोखे का जाल बिछा ही दिया। जानकारी के अनुरुप वह महिला अपने कार्यस्थल पर जहां वह लोगों को भोजन करवाती है घर से वहां जाने के लिए तैयार हो चुकी थी कि, उसके फोन पर एक कॉल आया, सामने वाले ने नाम पुछा उसने जवाब में हां कहा और उसके बाद उसने उसकी बड़ी बेटी के बारे में बताया और उससे कहा कि तुम्हारे जमाई जिसे हमने अरेस्ट कर लिया है उसने बहुत बड़ी गलती कि है इसे एक किमत पर बचाया जा सकता है। महिला जब तक कोई प्रश्न करती उसके पहले ही उन्होंने उसके जमाई से मिलती जुलती आवाज के लड़के को रोती हुई आवाज में चिल्लाने को कहा जैसे की कोई उसे मार रहा है, और वह चिख के साथ गुजारिश सुना दी, जिसमें वह लड़का कह रहा होता है कि, मम्मीजी प्लीज मुझे बचा लिजिए। कुछ देर बाद ठग कहता है इसे एक ही किमत पर बचाया जा सकता है, महिला पुछती है क्या, ठग कहता है 50 हजार सीधे इस नंबर पर ट्रांसफर किए जाए। घबराई महिला को वह डरा देता है कि किसी को फोन लगने की जुर्रत की तो तुम्हारे जमाई के साथ जो भी होगा उसकी जिम्मेदार तुम ही होगी।
घबराई महिला ने जैसे ही 5000 रुपये ट्रांसफर किए उसका खाता स्टेट बैंक इंडिया ने ब्लाक कर दिया। बैंक के सिस्टम में पहले से सायबर सुरक्षा के अंतर्गत उस खाते के बारे में शिकायत होगी या और किसी अन्य कारण से पता चला होगा की वह खाता और मोबाइल नंबर फ्रोड है जिसके चलते बैंक ने खाता पूरी तरह से ब्लाक कर दिया। यह बात हो गई बचाव की। जब फ्रोड कॉल आया तो एसबीआई ने बचा लिया, लेकिन अधिकत्तर लोग सायबर ठग की धोखाधड़ी में फंस कर बहुत से पैसे गवां देते है।
हमें हमारी जागरुकता को बढ़ाना है बस इतना सा काम हमें हमारी सुरक्षा प्रदान कर देगा। जब ठग अपनी जागरुकता का फायदा उठाकर जनता की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर धमकाता है तो जनता को भी इस बात की जानकारी होना चाहिए कि, हमें हमारे देश में कोई भी सरकारी एजेंसी ऐसे फोन नहीं लगाती है। फिर भी अगर सामने वाला आपको डराने में सफल हो जाता है तो आप उस फोन कॉल की सूचना सभी घनिष्ठो को दें या उसे बताएं जिसे आप सबसे ज्यादा समझदार समझते हो।
हालांकि सुरक्षा में सावधानी है सतर्कता में ही समझदारी है, ऐसे फोन कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को जरुर दे ताकि वो नंबर ट्रेस हो सके उसे ब्लाक किया जा सके साथ ही उस नंबर से कोई ओर धोखे के जाल में न फंसे।
बहरहाल, सायबर ठग के कार्यक्राम का समझदारी से ही समापन किया जा सकता है। वो जागरुकता के अभाव का लाभ लेकर धोखा करते है तो हमें जागरुकता के अलख के साथ खड़े होकर सायबर ठग और उसकी पूरी चेन को तोड़ना है। सावधान सतर्क और समझदारी के साथ सुरक्षा को देखते हुए पुलिस को भी सूचना देनी है।
पुलिस या सायबर में सुचना होते ही नंबर की जांच की जाएगी और उसे बैंक द्वारा ब्लोक किया जाएगा, अतः ऐसी कोई भी घटना हो त पुलिस को अवश्य ही सूचित करें।