लोकायुक्त कार्रवाई के संबंध में आशीष आजाद ने रखा अपना पक्ष।

25 सितंबर 2025 को मेरे ऊपर हुई लोकायुक्त कार्रवाई के संबंध में मैं आशीष आजाद अपना पक्ष रखना चाहता हूं।

तीन माह का अंगूठा लगाकर राशन नहीं बांटने की शिकायत पर मेरे ,नायब तहसीलदार एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने दुकान सील की ,क्योंकि संबंधित विक्रेता जांच हेतु उपस्थित नहीं हुआ ।अध्यक्ष प्रबंधक को नोटिस देने पर ज्ञात हुआ कि वह डमी है। उन्हें दुकानों का कुछ नहीं पता। मनोज तहेड़ प्रबंधक ने तो प्रबंधक होने से ही इनकार कर शपथ पत्र दिया। इस तरह फर्जी संस्था ज्ञात होने पर संस्था के सभी 7 दुकान निलंबित कर जांच हेतु सभी विक्रेताओं को आदेश एवं गठित जांच दल द्वारा लगातार संपर्क किया गया । पर उपस्थित नहीं हुए ,माह सितंबर 2025 के वितरण के अंतिम तारीख होने से संलग्न दुकानों पर अक्टूबर 2025 का राशन पहुंचा कर पोर्टेबिलिटी से वितरण की व्यवस्था की गई ।संस्था के प्रबंधक एवं अध्यक्ष के कथन से राहुल नायक द्वारा संस्था फर्जी संचालित करना पाया गया। यह राहुल नायक मर्डर केस में जमानत पर है जिसकी दुकानों की कई शिकायतें प्राप्त होती रही है ।। संस्था की प्राथमिक fir किए जाने हेतु आवश्यक दस्तावेज सहकारिता विभाग से अध्यक्ष एवं प्रबंधन के दस्तावेज एवं ऑडिट रिपोर्ट, नागरिक आपूर्ति निगम से भौतिक ट्रक चिट की पावती, बैंक से बैंक ओपनिंग फॉर्म आदि एसडीएम सर झाबुआ के माध्यम से मेरे द्वारा मांगे गए थे जो सभी पत्राचार उपलब्ध है। राहुल नायक ने FIR होने की संभावना से मेरे विरुद्ध यह योजना बनाई ।

इसी दौरान कल एक अनजान व्यक्ति जिससे मेरी पहले कभी भी मुलाकात या फोन से संपर्क नहीं हुआ ( जो की CDR में साबित हो जाएगा ) मेरे पास आया ,मेरी खुली डायरी मे नोटो की गड्डी रखी और बोला” सर यह मनोज ने दिए हैं ” मैंने कहा “कौन मनोज उठा अपने पैसे”।

इस दौरान ट्रैप दल आया। खुली डायरी को ट्रैप दल के पंचशाक्षी ने बंद कर अपने पास रखा। कार्रवाई के दौरान मुझे ज्ञात हुआ कि जो व्यक्ति मुझे पैसे देने आया था वह मेरे साथ सह आरोपी है एवं आवेदक से मेरे नाम से पैसे लिए और इन दोनों की कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर ही मुझे आरोपी बनाया गया। यह भी ज्ञात हुआ की सह आरोपी जितेंद्र नायक ,राहुल नायक के गांव का होकर रिश्तेदार है और शराब का आदि है। इस तरह बिना मेरी कॉल रिकॉर्डिंग एवं मांग के मुझे आरोपी बनाया एवं मेरी टेबल पर जबरदस्ती पैसे रखे।।

इस तरह एक मर्डर के विचाराधीन आरोपी राहुल नायक द्वारा राशन वितरण में संगठित अपराध को उजागर करने पर मुझे फसाया गया। मैं आप सभी को यह बताना चाहता हूं कि मेरी पैसे की डिमांड की कोई कॉल रिकॉर्डिंग नहीं है, सहआरोपी से मेरी कभी कोई बात नहीं हुई ना ही मेरा हाथ सोडियम कार्बोनेट के घोल में गुलाबी हुआ है । मैं हमेशा राशन वितरण प्रणाली में सुधार हेतु प्रयासरत रहा हूं । मैने 7 FIR करवाई है जिसमें से एक को सजा भी हो चुकी है एवं 6 के मामले कोर्ट में प्रचलित है, मेरी उच्च अधिकारियों से यही मांग है कि इस डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संस्था पिटोल बड़ी की जांच स्वतंत्र अधिकारियों से पारदर्शिता से करवाई जाए एवं मैं भी अपने ऊपर लगे आरोपों की सभी जांच करवाने हेतु सदैव उपस्थित रहूंगा।।।। मेरा मेरे वरिष्ठ अधिकारी से भी यही निवेदन है कि इस तरह अगर बिना आधार के हम लोगों पर लोकायुक्त जैसी संस्था द्वारा कार्रवाई की जाती है तो कोई अन्य अधिकारी भी अपराधियों पर कार्रवाई कैसे करेगा।

आशीष आजाद

सहायक आपूर्ति अधिकारी एवं प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी जिला झाबुआ

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