सेवा सुनिश्चितता के लिए अतिथि विद्वानों का मुख्यमंत्री को पोस्ट कार्ड

:-” हरियाणा की तर्ज मांगी भविष्य सुरक्षा “

” अतिथि विद्वान पंचायत की घोषणाएं अब तक अधर में “

शुक्रवार को पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस झाबुआ सहित जिलेभर के महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों ने प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव को पोस्ट कार्ड लिखकर हरियाणा राज्य की तर्ज पर सेवा सुनिश्चितता करने की बात कही है। बीजेपी शासित हरियाणा में 14 नवंबर 2024 को अतिथि प्राध्यापक सेवा सुनिश्चितता विधेयक विधानसभा में पारित कर दिया गया है। उन्हें 57700 रूपए मूल वेतन, डीए, अवकाश आदि की सुविधाएं दे दी गई है। ऐसा निर्णय देश के कई अन्य राज्य भी ले चुकें हैं।

वास्तव में कालखंड दर पर प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में सन 2002 से वर्तमान तक अतिथि विद्वान व्यवस्था जीवित है। वर्तमान में 4700 के लगभग अतिथि विद्वान कार्यरत हैं। पूर्व शिवराज सरकार में वर्तमान सीएम डॉ. मोहन यादव के उच्च शिक्षा मंत्री रहते 11 सितंबर 2023 को सीएम निवास भोपाल में आयोजित अतिथि विद्वान पंचायत में की गई घोषणाओं में भविष्य सुरक्षा, 50 हजार फिक्स वेतन और फॉलेन नहीं करना, शासन का अंग मानना आदि घोषणाएं अब तक अधूरी है। सहायक प्राध्यापक परीक्षा में भी हुआ छलावा : –

इनको पीएससी से आयोजित सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 में 400 अंको की परीक्षा में अधिकतम 5 वर्ष अनुभव के मात्र 20 अंक, 2022 की 900 अंको की परीक्षा में अनुभव के 20 अंक और आगामी 2024 की परीक्षा में 25 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण भी 20 वर्ष अनुभवधारी को और एक वर्ष ( 4 अंक ) अनुभवधारी को एक समान लाभ दिया जा रहा है। जो एक तरह से ज्यादा अनुभव वाले के साथ छलावा है। इस संबंध में मध्य प्रदेश अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शंकरलाल खरवाडिया ने बताया कि – अधेड़ उम्र होने से अन्य रोजगार मिलना मुश्किल हो गया है। लगभग अतिथि विद्वान यूजीसी की अनिवार्य शर्ते पूरी करते हैं। इसलिए मोहन सरकार को भी हरियाणा की तर्ज पर हमारी सेवा सुनिश्चितता विधेयक विधानसभा से पारित कर देना चाहिए ।

पोस्ट कार्ड भेजने वाले अतिथि विद्वानों में शंकरलाल खरवाडिया, डॉ. प्रवेश जाटव, डॉ. कृतिका श्रीवास्तव, डॉ. मुकेश डामोर, डॉ. भेरू सिंह सिगांड, रितेश तंवर, डॉ. सपना जोशी, किरण सिंघल, मनोज अवस्या आदि मौजूद थे।

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