सीमा पार आतंकवाद पर भारत के तर्क को एफएटीएफ ने स्वीकारा।

नई दिल्ली : आतंकी गतिविधियों कों कुछ देशों की तरफ से दी जा रही फंडिंग के मुद्दे पर फाइनेंशियल – एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) भारत की तरफ से दिए जाने वाले सुबूतों को स्वीकार करने लगा है। अगर ऐसा नहीं होता तो एफएटीफ की मंगलवार को आतंकियों के वित्त पोषण पर जारी विस्तृत रिपोर्ट में पहली बार सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को शामिल नहीं किया गया होता। यही नहीं, इस रिपोर्ट में पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ” और” ” जैश-ए- मोहम्मद को किस तरह से वित्तीय मदद दी जा रही है, इस पर भी प्रकाश डाला गया। एफएटीएफ की रिपोर्ट से भारत का वित्त मंत्रालय बेहद खुश है। एफएटीएफ की बैठक मैं भारत का नेतृत्व वित्त मंत्रालय अधिकारी ही करते हैं।

पहलगाम हमले के बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से एफएटीएफ की आगामी बैठकों में फिर से सीमा पार आतकवाद का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाने की तैयारी है। अब इस एजेंसी की रिपोर्ट ने वित्त मंत्रालय का उत्साह बढा दिया है। एफएटीएफ की रिपोर्ट में सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं है लेकिन सीमा’ पार आतंकवाद को लेकर इसने जो भी बात कही हैं, वे पाकिस्तान या सीमा पार आतंकवाद को सरकार की नीति के तौर पर लागू करने वाले देशों की तरफ ही इशारा करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध सूचना या सदस्यों की तरफ से दी गई जानकारी बताती हैं कि कुछ आतंकवादी संगठन अभी भी सरकारों की तरफ से वित्तीय या दूसरी तरह की मदद हासिल कर रहे हैं। किसी राज्य की तरफ से आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न संगठनों को वित्त या दूसरी मदद से सिर्फ आतंकवादी हमलों संभावना ही नहीं बढ़ती है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय शांति व स्थिरता के लिए खतरा पैदा होता है।

भारत ने सभी मुद्दों को सबूत सहित रखा

इस बारे में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में एफएटीएफ की बैठकौ में भारत ने इन सभी मुद्दो को सुबूत समेत रखा है। पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी संगटनों को कैसे मदद दी जाती है, भारत ने इस पर अपनी एक रिपोर्ट वर्ष 2022 में एफएटीफ को उपलब्ध कराई थी। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में भारत की बातों का ही समर्थन किया गया है । इसमें भारत ने बताया था कि कैसे जैश-ए-मोहम्मद आर लश्कर-ए- तैयबा को पाकिस्तान के भीतर हर तरह की सुविधा दी जाती है । अब इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा से जुड़े जैश और लश्कर जैसे आतंकीं संगटनों को मानवीय मदद के नाम पर वित्त पोषित किया जाता है । ये संगटन गैर-सरकारों संगठन चलाते हैं और इसके जरिये फंड हासिल करते हैं।

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