राष्ट्र के लिए जीने वाले व्यक्ति विरले होते है। *श्री चौधरी*

*राष्ट्र के लिए जीने वाले व्यक्ति विरले होते है। श्री चौधरी*
पथ संचलन के स्वागत मे जनजातीय माताएँ और बहने आगे आई
मदरानी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष मना रहे है। इसी के निमित्त विजयदशमी पर्व संचलन रविवार को मण्डल में निकाला गया। पथ संचलन का नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर अनेक स्थानों पर स्वागत किया।

पथ संचलन माधव विद्या परिसर के हाई स्कूल प्रांगण से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए पुनः उसी स्थान पर पहुंचा।इसके पूर्व बौद्धिक कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग शारीरिक शिक्षण प्रमुख चरणसिंह चौधरी रहे उन्होंने ने स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए कहा की हम सौभाग्यशाली स्वयंसेवक हैं जो संघ का शताब्दी वर्ष देख रहे है। और यह अवसर हमें हमारे पुरोधा रहे स्वयंसेवको के परिश्रम से मिला है। हमारी संस्कृति का जीवन मूल्य पराई स्त्री को माँ मानना, पराया धन मिट्टी के समान हैं। ऐसे जीवन मूल्य रहे हैं।

एक समय ऐसा था जब हिंदुत्व के भाव मे कमी आई और हम पर विदेशी आक्रांताओं ने राज किया। जब 1921 में डॉ हेडगेवारजी को जेल हुई तब उन्होंने चिंतन किया और पाया कि हमारे समाज में ही विकृत्ति आ गई हैं और उसे निर्दोष हिंदू समाज बनाने के लिए 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। तब लोगों ने उन्हें पागल कहा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी निरन्तर संघ कार्य करते हुए समाज जागरण का कार्य किया। नतीजा यह हुआ कि संघ की एक घंटे की शाखा से व्यक्ति निर्माण का कार्य किया और संघ व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण जा कार्य किया जाता रहा है। करोड़ों पुण्य कर्म किए तब जाकर हमें मां भारती सेवा करने का अवसर मिला, आज भारत का करवट बदल रहा है। हम गर्व से कहे की में हिंदू हूं। हम प्रकृति पूजक है सभी तीज त्यौहार पर प्रकृति की पूजा अर्चना करते है। हम दशो दिशाओं में जायेंगे और पंच परिवर्तन को लेकर कार्य करेंगे। 1925 में पांच बच्चो से शुरू हुआ संघ आज वट वृक्ष बन गया है। हमारे एकात्मता स्त्रोत नदियों से लेकर महापुरुषों को शुभ प्रतिदिन याद किया जाता है। तक्षशीला और नालंदा विश्वविद्यालय हमारे देश की शान रही है हम आज भी विश्व गुरु है। महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि ये भगवा ध्वज हम दशो दिशाओं में जायेंगे और समाज में पंच परिवर्तन को लेकर कार्य करेंगे और शुरुआत हमारे घर परिवार से करेंगे।

इस अवसर पर मंच पर सामाजिक कार्यक्रता पोमा जी महाराज, गोपाल अमलियार मण्डल कार्यवाह मौजूद रहे।आगे श्री चौधरी हमें भारत को पुनः अखण्ड राष्ट्र बनाना है तो शक्ति की आराधना आवश्यक है। अपने देश को सम्पन्न बनाना है तो स्व के भाव का जागरण करना, दूसरा नागरिक शिष्टाचार का पालन करना, तीसरा कुटुंब व्वयस्था को सम्हालक कर रखना और परिवार में मंगल सभा करना। चौथा सामाजिक समरसता का पालन करना और पाँचवा पर्यावरण संरक्षण करना। संघ ने 1925 से 2025 की यात्रा में अनुकरणीय कार्य किए। उन्होंने संघ की सौ वर्षों की यात्रा के बारे में बताते हुए कहा 1925 से 1940 तक सारे आन्दोलन इस कालखंड में पने चरम पर थे। ऐसे समय में डॉ केशव बलीराम हेडगेवारजी ने संत-महन्त व समाज को संगठित करना तथा प्राप्त स्वतंत्रता को स्थायित्व देना। भारतमाता को परम वैभव पर ले जाना है उसके लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना है और हर घर से निकलना होगा यह देश मेरा है इस भाव से कार्य करना होगा। संचलन में सैकड़ो की संख्या में स्वयंसेवक शामिल हुए।