मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले बुजुर्ग को 20 वर्ष का सश्रम कारावास
इंदौर –
प्रभारी उपनिदेशक अभियोजन राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि 23.09.2025 को माननीय न्यारयालय ,इक्कीसवें अपर सत्र न्यायाधीश महोदय (विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम) ने थाना तेजाजी नगर, के विशेष प्रकरण क्रमांक 27/2024 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी माधवराव, उम्र- 52 वर्ष, निवास इंदौर को धारा 5(एम)/6 पॉक्सो अधिनियम में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10,000/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुशीला राठौर द्वारा की गयी।
पीड़ित प्रतिकर योजनान्तर्गत माननीय न्यायालय द्वारा पीड़िता को हुयी शारीरिक एवं मानसिक क्षति को ध्या न में रखते हुए 3,00,000/- रुपये की राशि प्रदाय करने बाबत अनुशंसा की गयी।
17.11.2023 को फरियादी ने थाना तेजाजीनगर में मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह सिविल कान्ट्रेक्टर है, उसका भाई ठेकेदार है। उनके साथ एक बंगाली परिवार भी काम करता है, जिसमे पति-पत्नी और उनकी दो बेटियां थी,
17.11.2023 की शाम 07:30 बजे वह अपने घर पर था तब उसके छोटे भाई का उसके पास फोन आया कि बंगाली परिवार की बच्ची के साथ उसके पडोसी ने गलत काम किया है, जल्दी आ जाओ,
फरियादी अंदर गया तो देखा कि एक आदमी को लोगों ने पकड रखा था। पीडिता के पिता से पूछा कि क्या बात हो गई है, तब पीडिता के पिता ने बताया कि वह अपनी पत्नि के साथ घर पर था, अभियुक्त माधव उसकी बच्चियों को टी.वी दिखाने के बहाने अपने साथ ले गया, उसने सोचा कि अभियुक्त बहुत बुजुर्ग है बच्चियों को खिलाने के लिए ले गया होगा; थोडी देर बाद उसे अपनी बच्चियों की चिल्लाने की आवाज आई तो वह अपने घर से बाहर निकला तो उसने देखा कि उसकी बड़ी बच्ची (पीडिता) रोते हुये आ रही थी, फिर उसकी दोनों पुत्रियां उससे चिपककर रोने लगी;
इसके बाद वह अभियुक्त माधव के कमरे में गया तो उसने देखा कि वह अपनी पेंट पहन रहा था, अभियुक्त के घर कोई नही था, फिर मैने बड़ी बच्ची (पीडिता) से बंगाली भाषा में बातचीत की, तब पीडिता ने फरियादी बताया कि अंकल ने उसके साथ गलत काम किया है पीडिता की छोटी बहन ने भी फरियादी को बताया कि अंकल अपनी पेंट खोलकर कुछ गलत हरकत कर रहें थे। पीडिता के माता-पिता हिन्दी भाषा नहीं समझते है, इस कारण मै रिपोर्ट करवाने आया हुं फरियादी की मौखिक सूचना पर से आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रं. 612/2023 धारा 342, 376एबी भादसं एवं धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई।