भाजपा को घेरने की तैयारी में कांग्रेस, आरक्षण के मुद्दे पर लगाएगी चौपाल।
भोपाल,
प्रदेश में अन्य पिछड़ा वग (ओबीसी) को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल रहा है। सुप्रीमः कोर्ट ने सरकार से ओबीसी आरक्षण पर रोक नहीं होने पर भी लाभ नहीं दिए जाने को लेकर जवाब मांगा है। कांग्रेस इसे लेकर भाजपा पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा रही है और अब सरकार को घेरने के लिए चौपाल लगाएगी। 28 जुलाई से प्रारंभ होने जा रहे विधानसभा ‘के मानसून सत्र में भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्णियों को आधार बनाकर मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कांग्रेसे की तैयारी है।
प्रदेश में तत्कालीन कमल नाथ सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 2019 में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। विधानसभा से आरक्षण नियम में संशोधन पारित भी कराया लेकिन इसका लाभ सबको नहीं मिला। आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक के कारण इस प्रविधान को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई और इसके क्रियान्वयन पर रोक लग गईं। मामले को लंबा खिंचता देख सरकार ने महाधिवक्ता कार्यालय के परामर्श से 13 प्रतिशत पद रोककर नियुक्तियां कर दीं।
हालाकि, 27 प्रतिशत आरक्षण पर कोई रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसको लेकर सरकार से जवाब मांगा है। कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पार्टी की ओबीसी एडवाइजरी क़मेटी के सदस्य और पूर्व प्रदेश कंग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव कार्ययोजना बना रहे हैं, जिसे 15 जुलाई को बेंगलुरु में कमेटी की पहली बैठक, में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि भाजपा भले ही स्वयं को ओबीसी हितैषी होने का दावा करती है पर वास्तविकता इसके विपरीत है। सरकारी नौकरियों में 27 वर्ग क प्रांतिशत आरक्षण अब तक लागू नहीं किया है।
भाजपा की कथनी और करनी के अंतर को जनता के बीच रखने के लिए विधानसभा स्तर पर दावा चौपाल लगाई जाएगी। पार्टी के पिछड़ा वर्ग विभांग के साथ मिलकर यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। वहीं, 28 जुलाई से प्रारंभ हो रहे विधानसभा के दस दिवसीय मानसून सत्र में भी इस मुदे को उठाकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
‘कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी वर्ग की राह में अटकाए रोडे
उधर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस को तो ओबीसी हितैषी होने का दावा करने का कोई अधिकार ही नहीं है। इस पार्टी ने आज तक मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग का मुख्यमंत्री नहीं बनाया । कमल नाथ सरकार में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का दिखावटी काम हुआ था। अपने ही लोगों को खड़ा करके विरोध कराया । भाजपा सरकार ओबीसी को 27 प्रातिशत आरक्षण देने को लेकर प्रतिबद्ध है और इसका मार्ग प्रशस्त करने के लिए दृढ़ता से न्यायालय में पक्ष भी रख रही है।