बिहार की मतदाता सूची में नेपाल, बांगलादेश, म्यांमार के हजारों लोग मिले।
नई दिल्ली :
बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण पर जारी विवाद के बीच चुनाव आयोग की ओर से दावा किया गया है कि घर- घर जाकर चलाए जा रहे अभियान के दौरान बडी संख्या नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार लोग मतदाता सूची में पाए जाने की जानकारी सामने आई है। आयोग सूत्रों के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या लाखों में बताई जा रही है। घर-घर सत्यापन में जुटे बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) की इस रिपोर्ट के मद्देनजर चुनाव आयोग ने लोगों की जांच के लिए आगामीं एक से 30 अगस्त के बीच विशेष अभियान चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। यदि ऐसे लोगों के दस्तावेज गलत पाए गए तो 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम सूची से इनके नाम हटा दिए जाएंगे।
चुनाव आयोग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सत्यापन में लगे बीएलओ से जो जानकारी मिल रही है, उसमें राज्य में रह रहे इन विदेशी नागरिकों में से ज्यादातर ने गलत तरीके से आघार कार्ड, राशन कार्ड व मूल निवासी प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज भी हासिल कर लिए हैं। आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ऐसे सभी लोगों सूची तैयार कराई जा रही है। आयोग सूत्रों के अनुसार शत-प्रतिशत गणना फार्म जमा होने के बाद इनकी संख्या और बढ़ सकती है। हालांकि विदेशी नागरिकों के मतदाता सूची में होने का ब्योरा साझा नहीं किया है।
सूची में रहे सिर्फ भारतीय मतदाता, आयोग को जांच का अधिकार
आयोग के जुड़े वारिष्ट अधिकारियों के अनुसार चुनाव आयोग के पास संविधान के अनुच्छेद-326 के तहत सिर्फ भारताय नागरिक ही मतदाता सूची में रहें, इसे जांचने का उसे अधिकार है। यदि किसी व्यक्ति के दावे से वह संतुष्ट नहीं होता है तो आयोग उसे मतदाता बनने से रोकने के साथ ही मतदाता सूची से बाहर कर सकता है। पुनरीक्षण अभियान को शुरू करने के दौरान ही आयोग ने सूची में बड़ी संख्या में विदेशी घुसपैटियों के शामिल होने की आशंका जताई थी।