प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी।

भोपाल :

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गईं है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम पर फोकस होने की वजह से स्कूलों के विद्यार्थियों को प्रदेश के इतिहास, भूगोल, संस्कृति और सामाजिक-आर्थिक ढांचे पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में तय हुआ है कि पाठ्यक्रम का 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा मप्र के इतिहास, भोगोलिक-सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश पर केंद्रित रहेगा।

दरअसल, मध्य प्रदेश के स्कूलों में भाषा को छोड़कर अन्य सभी विषयों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम चलता है। अब प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने विभाग के अधिकारियों को एनसीईआरटी लिए पत्र लिखकर इस योजना के मुताबिक बदलाव करने की अनुमति मांगने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने यह निर्दश हाल में हुईं नईं शिक्षा नीति 2020 की टास्क फोर्स समिति की बैठक में दिए। मंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्कूली शिक्षा में भी प्रदेश का इतिहास, धरोहर, सांस्कृतिक विरासत समेत , अन्य स्थानीय पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहिए।

एनसीईआरटी की पुस्तकों में 25 से 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम प्रदेश का होना चाहए। एनसाईआरटी से अनुमति मिलने के बाद पाठ्यक्रम समिति स्थानीय स्तर का पाट्यक्रम प्रदेश की स्कूली शिक्षा की किताबों में शामिल करगे।

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