पुलिस जवान की मौत- पुलिस अस्पताल में जवान ने घबराहट के दौरान किया रेस्ट, जवान को जब झटके आये तब तुरंत ले गये जिला चिकित्सालय। पुलिस को मेडिकल केम्प की जरुरत।
11 AUG 2023
15 अगस्त परेड की तैयारिया की जा रही है उसी तैयारी में 11 अगस्त को भी परेड की रिहर्सल की जा रही थी। इसी बीच पहली परेड के बाद जवान संतोष गोस्वामी को घबराहट हुई।
जब सन्तोष गोस्वामी को घबराहट महसूस हुई तब वह परेड ग्राऊंड के समीप पुलिस अस्पताल में आराम करने के लिये चला गया। पुलिस अस्पताल में ड्यूटी पर आरक्षक मनीष खतेड़िया मौजूद था जिसने मरीज की हालत देख कर सर्व प्रथम ओआरएस दिया और उसके बाद जवान ने कुछ देर आराम किया।
आरक्षक की बैचेनी धीरे-धीरे विकराल रूप लेने लगी तब वहां उपस्थित आरक्षक मनीष ने सीपीआर देना शुरू किया और अन्य को फोन लगाया। बताते है कि संतोष गोस्वामी की घबराहट और बेचैनी इतनी अधिक बड़ गयी थी कि उसे झटके आना शुरू हो गये थे।
आरक्षक को जब जिला चिकित्सालय ले जाया जा रहा था तब लाईन के बाहर पहुंचते पहूंचते उसका शरीर ढीला पड़ गया था। जिला चिकित्सालय में डॉक्टर ने आरक्षक सन्तोष को मृत घोषित कर दिया। जिसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
हालांकि, पुलिस अस्पताल में ड्यूटी पर दो आरक्षक रहते है जो कि मेडिकल कोर्स किये हुये हैं। कोई एमबीबीएस डॉक्टर नहीं रहते, लेकिन जिला चिकित्सालय से मरुत दातला सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शनिवार को जरुर सेवा देने आते हैं। जिसका समय दोपहर तक का होता है।
इन दो दिनों में डॉक्टर दातला यहां के मरीजों का उपचार करते हैं। इस बारे में जब पूलिस लाईन आर आई अखिलेश रॉय से बात की गयी तो उन्होने बताया की अस्पताल पर दो आरक्षक रहते हैं और डॉक्टर जिला चिकित्सालय से सप्ताह में दो दिन ही आता है, मगर कौन सा डॉक्टर आता है और सप्ताह के कौन से दो दिन आता है यह वे नहीं बता पाये और शाम को मिल कर जानकारी देने की बात कही।
बहरहाल छोटी सी लापरवाही से पुलिस जवान जान गवां बैठा, यदि पहली परेड के बाद आयी घबराहट और बेचैनी के बाद सीधे ही जिला चिकित्सालय में पहुंच जाते तो एक आरक्षक काल का ग्रास न बनता।
विचार का विषय यह भी बनता है कि ऐसे कौन से कार्यों का दबाव होता है जो पुलिस कर्मी इन स्थितियों के समीप जा पहुंचता है। बीते दिनों ऐसा ही डिप्रेशन में आ कर एक पुलिस कर्मी ने हवाई पट्टी पर जा कर आत्महत्या कर ली थी। जिसकी जांच पुलिस अभी भी कर रही है।
पुलिस कप्तान को चाहिये की वें एक मेडिकल केम्प लगाये और सभी पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच करवाये। चाहे मेडिकल केम्प जिले के स्थान पर थाना क्षेत्र में में ही लगवाया जाय।
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