पति की हत्या करने वाली पत्नी और उसके साथी सलाखों के पीछे। एक साथी फरार।

इंदौर –

इंदौर प्रभारी उपनिदेशक अभियोजन राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि माननीय न्यापयालय, डी.पी. मिश्रा विशेष न्याएयाधीश (एस.सी./एस.टी. एक्ट.) इंदौर ने थाना बाणगंगा के विशेष प्रकरण क्रमांक 510/2017 में निर्णय देते हुए आरोपीगण लक्की उर्फ प्रदीप, उम्र 31 वर्ष निवास बाणगंगा इंदौर एवं संगीता पति प्रेमचंद कुमावत उम्र 45 वर्ष निवास बाणगंगा इंदौर को धारा 302/34,भा.द.स. मे आजीवन कारावस एवं धारा 201 भा.द.स. आरोपी लक्की को 7 वर्ष का भी सश्रम कारावास और दोनो आरोपीगणों को कुल 5000/- रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती भदौरिया द्वारा की गयी।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसे जघन्य एवं चिह्नित प्रकरण की सूची में रखा गया था, जिसकी प्रतिमाह समीक्षा कर सभी पहलू को बारिकी से न्यायालय के समक्ष करते हुए 15 साक्षियों की साक्ष्य करवायी। तर्कों से सहमत हो कर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।

अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि थाना बाणगंगा पर मर्ग क्र. 65/17 धारा 174 जा. फौ का जाँच हेतु मुझे प्राप्त हुआ था जाँच प्रारंभ की गई जाँच मे घटना स्थल पर पहुच कर देखा तो पाया गया कि मृतक प्रेमचंद कुमावत पिता मोतीलाल उम्र 45 साल निवासी 472/2 यादव नंद नगर इंदौर की लाश गली नं. 3 यादव नंद नगर की नाली मे पडी हुई थी यह स्थान सार्वजनिक होकर सहज दृश्य था सर्वप्रथम साक्षियों को तलब कर लाश पंचनामा बनाया गया पंच गवाह के समक्ष शव का निरीक्षण किया तो पाया कि शव पर मुख्य रूप से गले में रस्सी के फंदे का निशान है मृतक का पीएम करवाया गया घटना स्थल का परिदृश्य, शव पर पाई गई चोटे एवं पीएम रिपोर्ट के आधार पर जांच में पाया गया की मृतक प्रेमचंद कुमावत की अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर शव को कथित स्थान पर डाला गया है।

जांच पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 447/2017 धारा 302/201 का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये एवं मुखबिर सूचना प्राप्त हुयी कि मृतक के घर लक्की उर्फ प्रदीप यादव का आना-जाना था एवं घटना वाली रात एक साक्षी ने आरोपी संगीता मृतक की पत्नी व आरोपी लक्की उर्फ प्रदीप जो कि मृतक की लडकी का दोस्त था, व आरोपी विक्की उर्फ विकास को मृतक के साथ मार-पीट करते देखा था तथा एक अन्य साक्षी द्वारा आरोपी लक्की व विक्की द्वारा मोटरसाईकल पर रात मे ही मृतक को बीच मे बैठाकर ले जाते हुये देखना बताया गया।

उक्त साक्ष के आधार पर आरोपी को अभिरक्षा मे लेकर पुछताछ की जिसमे मृतक की पत्नी द्वारा स्वीकार किया गया की विक्की एवं लक्की‍ के साथ मिलकर प्रेमचंद कुमावत हत्या की है, आरोपी द्वारा अपराध स्वीकार करने पर घटना में प्रयुक्त रस्सीत को जब्त किया गया।

घटना वाले दिन आरोपीगण की आपस मे मोबाइल से निरंतर बातचीत की कॉल डिटेल प्राप्त की एवं अन्यम साक्ष्य को एकत्रित किया जाकर संपूर्ण विवेचना पश्चात् आरोपी के विरूद्ध अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर से अभियुक्तगणों को उक्त दण्ड् से दंण्डित किया गया।

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