पंचायत में फॉलेन आउट समाप्ति की हुई थी घोषणा, मोहन सरकार अतिथि विद्वानों को करेंगी फॉलेन आउट।

एक बार फिर फॉलेन आउट करेंगी मोहन सरकार :-” पंचायत में फॉलेन आउट प्रथा समाप्त करने की हुई थी घोषणा “” बेरोज़गारी का डर सबसे ज्यादा सता रहा है पीएम कॉलेज के अतिथि विद्वानों को “डॉ. मोहन यादव की सरकार में रेग्युलर प्रोफेसरों के ट्रांसफर से एक बार फिर अतिथि विद्वानों को फॉलेन आउट का दंश झेलना पड़ेगा। जिसका कैलेंडर भी उच्च शिक्षा विभाग ने 13 मई को जारी कर दिया है। जबकि पूर्व शिवराज सरकार में इन्हें अनेकों सुविधाओं की घोषणा के साथ नवीन नियुक्ति या ट्रांसफर से फॉलेन आउट नहीं करने और इस प्रथा को समाप्त करने की घोषणा भी तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में की गई थी।

वास्तव में अनेकों अतिथि विद्वान 25 साल से कालखंड और प्रति कार्य दिवस पर सेवा देते हुए अधिकाधिक आयु को पार कर गए हैं। एमपीपीएससी की सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2024 में भी शामिल नहीं हो पाए हैं। अब बीच मझधार में उनका भविष्य दिखाई दे रहा है। सबसे अधिक तो पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस के अतिथि विद्वानों को बेरोजगारी का डर सता रहा है। क्योंकि 616 प्रोफेसर का दिसंबर 2024 से रिडिप्लायमेंट इनके स्थान पर कर रखा है। अब उन्हें यथावत करने की योजना उच्च शिक्षा विभाग की है। जबकि अनेकों विषयों में विगत सत्र से इनमें पद रिक्त थे, उन पर रिडिप्लायमेंट नहीं किया गया।

अनेकों एकल पद से आए सहायक प्रोफेसरों को प्राचार्य ने कमिश्नर के आदेश के बावजूद उनकी मूल संस्था में वापस नहीं किया है।मध्य प्रदेश अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी शंकरलाल खरवाडिया ने इस बारें में कहा कि – ढ़ाई दशक से अतिथि विद्वानों का जीवन बहुत ही विपत्ति भरा रहा है। 45 से अधिक तो कालखंड दर पर ही संसार छोड़कर चले गए हैं। देश के कई राज्यों ने अतिथि विद्वानों का जीवन सुरक्षित कर दिया है। लेकिन एमपी में अब भी सरकार हमारे साथ फॉलेन आउट – फॉलेन आउट का खेल खेल रही है।

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