न डीजे बजेगा.. न देंगे दहेज.. न ही परोसेंगे शराब ** जनजाति समाज का निर्णय।

निलेश कटारा, *थांदला*

जनजाति समाज की दहेज, दारू और डीजे के लेकर थांदला मेघनगर तहसील की बैठक हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न गांव के पटेल, सरपंच, प्रभावशील व्यक्ति ने मिलकर समाज के उत्थान के लिए इक्कठे हुए। बैठक में मुख्य अतिथि थांदला एसडीएम तरुण जैन, वरिष्ठ समाज सुधारक श्यामा ताहेड़ सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के कार्यक्रता उपस्थित रहे।

आदिवासी समाज ने बड़ा फैसला किया है कि विवाह में फिजूलखर्ची, दहेज प्रथा, हुड़दंग को रोकने का निर्णय लिया गया है। अब छोटी-छोटी बैठक लेकर निर्णय लिया गया कि अब समाज की जो पुरानी परंपराएं हैं, वे सभी फिर से लागू की जाएगी। विवाह या किसी अन्य कार्यक्रम में फिजूलखर्ची रोकी जाएगी, और शराब सेवन, डीजे, दहेज बंद किया जाएगा।

समाज के श्यामा ताहेड ने बताया कि समाज की शादियों में डीजे नहीं बजेगा, शराब नहीं परोसी जाएगी और दहेज नहीं लिया जाएगा। ये तीनों बातों का अब आदिवासी समाज में पालन होगा। अभी तक समाज में ये तीनों बातों की रोक नहीं थी, जिस कारण कई परिवार बर्बाद हो रहे थे। कई लोग अपनी जमीन बेचकर दहेज देते थे और शादियों में फिजूलखर्ची होती थी।

इस दौरान समाज ने निर्णय लिया कि अपने पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल मांदल के साथ ही शादी की जाए तथा अपने मूल परंपराएं को ध्यान में रखते हुए पटेल के माध्यम से ही शादी कराई जाए। इसके साथ में प्रत्येक घर से बच्चों को स्कूल भेजने का लिया संकल्प। शिक्षा पर बात करते हुए समाज ने अपने बच्चों को अच्छे शिक्षा देने के लिए समाज के अंदर बुराइयों को दूर करने को लेकर संकल्प लिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता,पटेल, कोटवार, सरपंच उपस्थित थे।

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