ठगी ने बनाई फर्जी कंम्पनी और बैंको से ठग लिए 50 लाख।
इंदौर:
पुलिस ने ऐसे ठगों को पकड़ है जो नामी कंपनी के कर्मचारी बनकर विभिन्न बैंकीं से ऋण ले लेते थे। आरोपित फर्जी आधार कार्ड-पैनकार्ड . और वोटर आइडी भी बना लेते थे। फजी सैलरी स्लिप और आइडी कार्ड सें ऋण लेकर फरार हो जाते थे। प्रारंभिक पूछताछ में तीन बैंकों से 50 लाख रुपये का ऋण लेना स्वीकार कर लिया है। गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। एसआइ बलवारसिंह रघुवंशी के मुताबक आरोपितों का नाम रवि कुमार लालाराम पाल निवासी सदरपुर सेक्टर-45 नोएडा और देवेद्र श्रीपालसिंह निवासी मंगोलिया टावर अंशल टाउन मेरठ है। इनके विरुद्ध एचडीएफसी बैंक की ओर से रितुराजसिंह निवासी मनोरमागंज द्वारा शिकायत की गई थी।
बैंककर्मियों ने .बताया आरोपित रवि ने शैलेष अहिरवार और देवेद्र ने देव शर्मा के नाम से जाली दस्तावेज प्रस्तुत कर पर्सनल ऋण ले लिया। पूछताछ में बताया वो फर्जी आईडी कार्ड नोएडा से बनवाते थे । पुलिस ने दोनों आरोपितों को रिमांड पर ले लिया है।
एसआइ के मुताबिक आरोपितों ने खुद को ब्लू स्टार कंपनी का सर्विसिंग इंजीनियर बताया था। पीयू-4 में आफिस खोल कर बोर्ड भी लगा लिया था। फर्जी आइडी बनवाकर उसमें फोटो स्वयं का लगाते थे। जिस नाम से आइडी बनता था, उसके नाम से बैंक में खाता खुलवा लेते थे। हर महीने में उसमें 65 से 75 हजार रुपये जमा करते थे तांकि सत्यापन में सैलरी दर्शा सके । बाद में बैंक में पर्सनल लोन के लिए दस्तावेज प्रस्तुत कर देते थे। कई बार बैक से फाइल रिजेक्ट हो जाती थी। इसके वाद आफिस बदल लेते, थे। बोर्ड निकाल कर दूसरी जगह पर लगा देते थे। एसआइ के अनुसार आरोपितों ने आईडीएफसी, एचडीएफसी और इनफ्रेंड बैंक से 50 लाख रुपये का ऋण लेना स्वीकार किया है।