ट्रांसफर से अतिथि विद्वानों को डिस्टर्ब न करें मोहन सरकार
” पीएम कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विद्वानों की जगह दिसंबर 2025 से कर रखा है रिडिप्लायमेंट “
” निरंतर पढ़ाने वाले को बाहर नहीं करने का पंचायत में किया था वादा “
राज्य शासन की नई तबादला नीति के तहत 30 मई तक उच्च शिक्षा विभाग भी प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक और क्रीड़ा अधिकारियों के तबादलें करेगा। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 8 मई तक महाविद्यालयों के प्राचार्यों से रिक्त पदों की जानकारी मांगकर शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की स्तिथि का विवरण जारी कर दिया है। जिसमें 90 प्रतिशत पद वही रिक्त दिखाएं गए हैं, जिन पर वर्तमान में अतिथि विद्वान सेवाएं दे रहें हैं।
वहीं प्रदेश के 68 पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस में 616 प्राध्यापकों को दिसंबर 2025 से रिडिप्लायमेंट दिया गया है। जिनकी पोस्टिंग वर्तमान में कार्यरत महाविद्यालय में जारी सूची में भरी हुई बताई गई हैं। उनमें पीएम कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस झाबुआ में तो एकल पद से आए हुए सहायक प्राध्यापक भी शामिल है। अनेकों पद खाली होने के बाद भी कार्यरत अतिथि विद्वानों की जगह रिडिप्लायमेंट किया गया था। जिससे स्पष्ट होता है कि उच्च शिक्षा विभाग अब अतिथि विद्वानों को ट्रांसफर से डिस्टर्ब करने का काम करेगा।
जबकि पिछली शिवराज सरकार में वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे। उस समय चुनाव से पहले अतिथि विद्वान पंचायत में कहा गया था कि अतिथि विद्वान अब शासन के अंग माने जाएंगे, जो निरंतर पढ़ाने का काम करते आए हैं, उन्हें अब फॉलेन आउट नहीं किया जाएगा। फॉलेन आउट शब्द को ही अब समाप्त माना जाएगा।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश के मीडिया प्रभारी शंकरलाल खरवाडिया ने इस संबंध में बताया है कि अतिथि विद्वान टीचिंग, परीक्षा ड्यूटी, मूल्यांकन, रूसा, एनसीसी, एनएसएस आदि में पूर्ण सहभागिता निभाते हैं। सार्थक का पालन भी निष्पक्षता से करते हैं। अतः मोहन सरकार अतिथि विद्वानों को डिस्टर्ब न करें और अन्य बीजेपी शासित राज्यों की भांति सुरक्षित भविष्य दें।