छांगुर गिरोह से धर्मांतरित लड़कियो को तलाश रहा जांच दल

बलरामपुर :

बढी संख्या में हिंदू युवतियों का मतांतरण कराने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद अब उनके खिलाफ साक्ष्य और गवाह एकत्र किए जा रहे है। एटीएस की एफआइआर में जिन लडकियों का उल्लेख है, उनके अलावा अन्य युवतियों की भी तलाश की जा रही है, जिनका बलपूर्वक मतांतरण कराया गया। जांच एजेंसी के पास ‘कुछ रिकार्ड मिले है, जिनमें हिंदू लडकियों को बहलाने वाले मुस्लिम लडकों के नाम और दी गई धनराशि दर्ज है। ऐसी आशंका हैं कि प्राप्त रजिस्टर में लडकों के नाम तो हैं, लेकिन पता गलत लिखा है। रिमांड पर ली गई नीतू उर्फ नसरीन से भी ऐसी लडकियों की जानकारी जुटाई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, नीतू को साक्ष्य जुटाने के लिए जांच एजेंसी दुबई भी ले जा सकती है। एटीएस की रिपोर्ट के अनुसार, मतांतरण में छागुर की सहयोगी नीतू ने अपने पति नवीन और पुत्री समाले के साथ 16 नवंबर 2011 को दुबई जाकर इस्लाम अपनाया था। तीनों ने अपना नाम नसरान, जमालुद्दीन और सबीहा रख लिया था। उनके पास दुबईं सरकार से जारी “सर्टिफिकेट आफ एंब्रेसिंग इस्लाम” मिला है। यह प्रमाणपत्र अरबी में शहादा के नाम से जाना जाता है, जो किसी व्यक्ति के इस्लाम में प्रवेश को दर्शाता है। हालांकि आरोपितों के जब्त पासपोर्ट से उक्त तिथि में उनके दुबईं जाने की पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए जांच एजेंसी इस प्रमाणपत्र की जांच के लिए नीतू को लेकर दुबई जा सकती हैं।

जांच, एजेंसियों के अनुसार, छांगुर की जडे नेपाल, बांगलादेश और खाडी देशों तक फैली हुई थी। भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित नेपालगंज, लुम्बिनी, बांके और बर्दिया क्षेत्रों में छांगुर की आवाजाही की पुष्टि हुई है। छांगुर नेपाल और बांगलादेश के जरिए धार्मिक प्रचार सामग्री, साहित्य और आनलाइन कोर्स प्राप्त करता था। कुछ इस्लामी पुस्तिकाएं और बांग्लादेशी परचें उसके ठिकानों से बरामद हुए हैं। वाट्सएप और टेलीग्राम से बांग्लादेश स्थित कुछ धामिक कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क के साक्ष्य मिले हैं। मतांतरण के लिए छांगुर के गिरोह को सऊदी अरब, कतर और कुवैत जैसे देशों से एनजीओ फंडिंग के रूप में धन प्राप्त होता था। दिल्ली, केरल, बंगाल और महाराष्ट्र में कार्यरत विदेशी एनजीओ और मदरसा नेटवर्क से उसका संपर्क रहा है।

पहलें ईसाईं बने फिर मुस्लिम, स्विस बैंक में खाता :

प्राप्त जानकारी के अनुसार, छांगुर के जिन दो सहयोगियों के नाम स्विस बैंक में खाते होने की आशंका जताई जा रही है, वे पहले हिंदू थे। पैसे के लिए पहले ईसाई बने और मिशनरियों से पैसा लिया, फिर दोनों छांगुर के संपर्क में आए और जब ज्यादा पैसे मिले तो दोनों ने इस्लाम स्वीकार कर लिया। उनमें एक का नाम जयराज उर्फ जुबिन उर्फ जियाउल है।

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