कार्यरत अतिथि विद्वानों के पदों को रिक्त नहीं माना जाए।
सहायक प्राध्यापक भर्ती 2022 की नियुक्ति कार्यरत अतिथि विद्वानों के स्थान को छोड़कर हो ‘

20 वर्षों से अधिक समय से सेवा देने वाले शासकीय अतिथि विद्वानों के भविष्य की दुर्दशा को वर्तमान तक भी सरकार ने ठीक नहीं किया है। अब अगर इनकी जगह सहायक प्राध्यापक भर्ती 2022 से चयनितों की नियुक्ति की जाती है तो इनकों कॉलेज के प्राचार्य फॉलेन आउट का पत्र थमा देंगे। इन्हें पिछली शिवराज सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग का सबसे मजबूत हिस्सा करार दिया था। उस समय वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री भी थे। 11 सितंबर 2023 की पंचायत की तमाम घोषणाओं से इन्होंने राहत की सांस जरूर ली थी। मगर विगत महीनों में हुए नियमित फैकल्टी के ट्रांसफर से प्राचार्यों ने इन्हें फॉलेन आउट करना फिर आरंभ कर दिया। यानि सरकार अपनी ही घोषणाओं पर अमल नहीं कर रही है। सन 2002 से आरंभ इस व्यवस्था ने इन उच्च शिक्षितों को समाज में सिर उठाकर जीने लायक तक नहीं छोड़ा है।

अतिथि - अतिथि के दंश से परिवार सहित सभी दुखी हैं।अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश के प्रदेश संयोजक डॉ. सुरजीत सिंह भदौरिया ने बताया कि प्राथमिकता में लेकर अतिथि विद्वानों की भविष्य सुरक्षा का समाधान मोहन सरकार करना चाहिए। हम पारदर्शी मेरिट प्रक्रिया का पालन करके चयनित हुए हैं। लगभग यूजीसी की शर्तों का पालन भी करते हैं।संघर्ष मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शंकरलाल खरवाडिया ने भी मोहन सरकार से मांग की है कि वर्तमान में कार्यरत अतिथि विद्वानों के पदों को सहायक प्राध्यापक भर्ती 2022 की नियुक्ति के लिए रिक्त नहीं माना जाए। वर्तमान में अतिथि विद्वानों को छोड़कर ढेरों पद रिक्त है, उन्हीं पर नियुक्ति दी जाए।
