आजाद कराने वाले अंग्रेज नहीं भारतीय थे, इजरायल बदलेगा इतिहास की किताब।
एजेंसी,
इजरायली शहर हाइफा की आजादी को लेकर वहां के स्कूलों में पढ़ाई जा रहे गलत तथ्यों को अब सही किया जा रहा है। मेयर योना याहाव ने कहा है कि इतिहास की किताबों में यह सुधर किया जा रहा है कि अंग्रेजों ने नहीं, बल्कि भारतीय सैनिकों ने हाइफा शहर को ओटोमन शासन से आजाद कराया था।
हाइफा हिस्टोरिकल सोसायटी के सदस्य भी पिछले एक दशक से स्कूलॉं में जाकर यही तथ्य बता रहे हैं। युद्ध में बलिदान हुए भारतीय सैनिकों की बहादुरी को श्रद्धांजलि अपिंत करने के लिए सोमवार को आयोजित एक समारोह में मेयर ने कहा, में इसी शहर में पैदा हुआ और यहीं से स्नातक किया। हमें लगातार यही बताया जाता था कि इस शहर को अंग्रेजों ने आजाद कराया था। एक दिन हिस्टरीरिक्त सोसायटी के किसी व्यक्ति ने मेरे दरवाजे पर दस्तक दो और कहा कि उन्होंने गहन शोध किया हैं और पाया हे कि अंग्रेजों ने नहीं, बल्कि भारतीयों ने हमें ओटोमन शासन से आजाद कराया था। मेयर याहाव ने कहा, हम हर स्कूल में तथ्य बदल रहे है और कह रहे हैं कि हमें आजद कराने वाले अंग्रेज नहीं बल्कि भारतीय थे। उन्होंने 2009 में इसी स्थान पर आयोजित पहले समारोह के’ दौरान कहा था कि इतिहास की पुस्तको में भरतीय सैनिकों द्वरा हाइफा शहर को दिलाई गईं आजदी की कहानी शामिल होगी।
23 सितंबर को हाइफा दिवस मनाती है भारतीय सेना।
तीन भारतीय धुडसवार रेजिमरट- मैसूर हैदराबद और जोधपुर लांसर्स के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय सेना हर साल 23 सितंबर को हाइफा दिवस के रूप में मनाती है। 1918 में इसी दिन 15वी इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड की जबरदस्त कार्रवाई के बाद इन्हीं रेजिमेंट ने हाइफा को आजाद कराने में मदद की थी। भारतीय मिशन और हाइफा नगरपालिका द्वारा स्मारक पर कार्यक्रम आयोजत किया जाता है।