आचार्य श्री एवं मुनिराजगणों का महावीर बाग से बावन जिनालय तक शोभायात्रा के रूप में हुआ मंगल प्रवेश-श्री गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर पर अट्ठम तप के तपस्वियों का धारणा कार्यक्रम।
पुरूषादानी प्रभु श्री पार्श्वनाथ भगवान की महिमा अपरंपार है -ः आचार्य श्रीमद् विजय हितेषचन्द्र सूरीजी
झाबुआ। विश्व पूज्य दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी मसा के नवम पट्टधर एवं श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के ट्रस्ट अध्यक्ष गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय हितेषचंद्र सूरीश्वरजी मसा के साथ मुनिराज श्री दिव्यचंद्रविजयजी मसा, श्री पुष्पेन्द्रविजयजी मसा, श्री रूपेन्द्रविजयजी मसा एवं श्री वैराग्ययशविजयजी मसा आदि ठाणा-5 का 23 दिसंबर, सोमवार को शोभायात्रा के रूप में महावीर बाग से श्री ऋषभदेव बावन जिनालय आगमन हुआ। यहां आचार्यश्री द्वारा समाजजनों को मंगल प्रवचन दिए गए। इसके साथ ही आचार्यश्री एवं मुनिराजगणों की निश्रा में पांच दिवसीय श्री पार्श्वनाथ भगवान के जन्म-दीक्षा कल्याण महोत्सव की भी शुरूआत हुई। आचार्यश्री ने बावन जिनालय में समाजजनों को मंगल प्रवचन भी दिए। शाम को श्री गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर पर अट्ठम तप के तपस्वियों का धारणा कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
जानकारी देते हुए श्वेतांबर जैन श्री संघ के युवा रिंकू रूनवाल ने बताया कि सोमवार सुबह 8 बजे दिलीप गेट स्थित महावीर बाग पर स्व. श्रीमती वालीबाई समीरमल भंडारी की स्मृति में यशवंत, निखिल, शार्दुल, हिया, जिनांश भंडारी परिवार द्वारा नवकारसी का आयोजन रखा गया। 9 बजे से महावीर बाग से बैड-बाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें आगे श्री हेमेन्द्र सूरी महिला मंडल एवं श्री राजबहू मंडल की श्राविकाएं एक जैसे परिधान लाल वस्त्रांे में कलश लेकर चली। इसके पीछे दादा गुरूदेव राजेन्द्र सूरीश्वरजी की तस्वीर के सम्मुख समाजजनों द्वारा जगह-जगह अक्षत से गहूली की गई तथा आचार्यश्री एवं मुनिराजगणों को श्रीफल से बधाया (स्वागत) किया गया। आचार्य एवं मुनिराजगणों आदि ठाणा के साथ समाज की श्रावक एवं सबसे पीछे श्राविकाएं शामिल हुई।
यह शोभयात्रा शहर के चेतन्य मार्ग, विजय स्तंभ तिराहा, जिला चिकित्सालय मार्ग, बस स्टैंड चौराहा, मुख्य बाजार, बाबेल चौराहा, आजाद चौक, राजवाड़ा से लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए श्री ऋषभदेव बावन जिनालय पहुंचने पर यहां श्वेतांबर जैन श्री संघ अध्यक्ष मनोहरलाल भंडारी, श्री विघ्नहरा विहार धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष यशवंत भंडारी, रिंकू रूनवाल आदि ने आगवानी की। आचार्यश्री एवं मुनिराजगणों द्वारा बावन जिनालय में श्री ऋषभदेव भगवान एवं विश्व पूज्य दादा गुरूदेव के दर्शन किए गए।
बहुमान एवं आमंत्रण-पत्रिकाओं का हुआ विमोचन
पश्चात् पोषध शाला भवन में धर्मसभा का आयोजन हुआ। इसके पूर्व मुनिराज श्री वैराग्ययशजी मसा द्वारा द्वादश गुरूवंदन करवाया गया। स्वागत उद्बोधन श्री संघ अध्यक्ष मनोहरलाल भंडारी ने दिया। धर्मसभा में अतिथि के रूप में उपस्थित श्री मोहनखेड़ा तीर्थ से पधारे मेनेजिंग ट्रस्टी सुुजानमल सेठ, मनावर से पधारे श्री संघ के पदाधिकारियों का श्री संघ झाबुआ की ओर से स्वागत किया गया। मोहनखेड़ा तीर्थ के प्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता का श्री संघ झाबुआ द्वारा शाल-श्रीफल से बहुमान किया गया। मोहनखेड़ा ट्रस्ट के मेेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ ने आचार्यश्री एवं मुनिराजगणों से मोहनखेड़ा पधारने हेतु भावभरी विनती की। वहीं इस दौरान मनावर श्री संघ द्वारा गुरू सप्तमी पर किए जाने महोत्सव की आमंत्रण-पत्रिकाओं का विमोचन आचार्यश्री के हाथों से करवाया गया। श्री संघ झाबुआ की ओर से आचार्यश्री से आगामी चातुर्मास झाबुआ मंे करने हेतु विनती की गई, जिसका श्री संघ के सदस्यों ने कर्तल ध्वनि से समर्थन किया। श्री पार्श्वनाथ भगवान के जन्म-दीक्षा कल्याण महोत्सव के द्वितीय दिवस 24 दिसंबर को श्री पार्श्वनाथ भगवान का बावन जिनालय से श्री गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर तक चल समारोह निकाला जाएगा, जिसकी बोलियां बोली गई। जिसमें विशेष रथ पर श्री पार्श्वनाथ भगवान के चित्र के साथ बैठने की बोली सुभाषचन्द्र कोठारी, श्री राजेन्द्र सूरीश्वरजी के चित्र के साथ बैठने की बोली मनोहर मोदी एवं श्री तीर्थेन्द्रसूरीजी के चित्र के साथ बैठने की बोली अशोक राठौर परिवार द्वारा ली गई।
पार्श्वनाथ भगवान जिन शासन के 23वें तीर्थंकर है
धर्मसभा आरंभ करने से पूर्व आचार्य श्रीमद् विजय हितेषचन्द्र सूरीश्वरजी मसा ने चेतन्वय एवं गुरूवंदन करवाया। बाद प्रवचन देते हुए कहा कि श्री पार्श्वनाथ भगवान जिन शासन के 23वें तीर्थंकर है। प्रभु का जन्म 2801 वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश के काशी नगरी में हुआ था। आपने सभी के प्रति सदैव समभाव रखा। जिनशासन में प्रभु के 10 भवों का वर्णन आता है। जिसका आगामी पांच दिवसीय महोत्सव के दौरान आचार्यश्री द्वारा विस्तार से वर्णन किया जाएगा। आपने सभी को प्रेरणा दी कि पांच दिन तक श्रावक-श्राविकाएं अधिक से अधिक अट्ठम तप की तपस्या करे। धर्मसभा का संचालन श्री संघ के वरिष्ठ यशवंत भंडारी ने किया एवं आभार श्री पार्श्वनाथ जन्म कल्याण महोत्सव समिति अध्यक्ष यतिन्द्र राठौर ने माना। अंत में सभी को प्रभावना वितरित की गई।
पांच दिवसीय आयोजन होंगे।
उल्लेखनीय है कि 23 से 27 दिसंबर तक पांच दिवसीय श्री पार्श्वनाथ भगवान के जन्म-दीक्षा कल्याणक का आयोजन एवं 24वां अट्ठम तप महोत्सव भी आचार्यश्री एवं मुनिराजगणों की निश्रा में शहर में संपन्न होगा। जिसके आयोजक श्री जैन श्वेतंाबर श्री संघ, श्री गौड़ी पार्श्वनाथ तीर्थेन्द्र सूरी समिति एवं श्री पार्श्वनाथ जन्म कल्याण महोत्सव समिति है। सोमवार शाम 4.30 बजे श्री गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर पर अट्ठम तप के तपस्वियों के धारणा का आयोजन हुआ। इसके लाभार्थी श्रीमती आनंदीबेन लक्ष्मीचंद लोढ़ा (नेताजी परिवार) रहा।