डोनाल्ड ट्रम्प का जो बायडन पर आरोप, किसी और को जीतने के लिए भारत को दिए 2.1 करोड़ डॉलर।

रिंकेश बैरागी,

अमेरिका में जब से चुनाव शुरु हुए तभी से अमेरिका किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रहा है और चुनाव में ट्रम्प की जीत के बाद उनके निर्णय को लेकर भी अमेरिका अधिकतर न्युज पेपर की फ्रंट न्युज पर प्रकाशित हो रहा है। हाल ही में भारत देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट और उसके बाद से तो प्रतिदिन अमेरिका की न्युज से देश में हलचल मची हुई है, अमेरिका चाहे अपने देश में अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज रहा हो या बांग्लादेश के मुद्दे को पूर्णरुप से भारत के हाथ में सौंपना हो।

डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका से भारत को दी गई सहायता पर प्रश्न किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि, भारत को 2.1 करोड़ डालर की आर्थिक सहायता देने की क्या आवश्यकता हुई। साथ ही राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी (डीओजीई) के भारत को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता रद्द करने का समर्थन करते हुए कहा कि भारत के पास इतना पैसा है कि वह अपने देश का निर्वाचन करवा सकते है, तो फिर उस समय अमेरिका ने 2.1 करोड़ रुपए क्युं दिए। ट्रम्प ने कहा है कि, वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बहुत आदर करते है किंतु 2.1 करोड़ डालर देना वो भी वोटर टर्नआउट के लिए उचित नहीं है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्णय पर प्रश्न करते हुए गंभीर आरोप लगा दिए है। ट्रम्प ने कहा है कि, भारत में मतदान बढ़ाने के लिए जो बाइडन द्वारा की गई आर्थिक सहायता, जो भारत के चुनाव में सीधा-सीधा हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि वो भारत के चुनाव में किसी और को निर्वाचित करवाने की कोशिश में थे। अमेरिका में ही वित्तीय सहायता पर ट्रम्प पहले भी प्रश्न कर चुके है। जैसे भारत तो दी जाने वाली सहायता, बांग्लादेश में राजनीति परिदृश्य को सशक्त बनाने के लिए 2.9 करोड़ डालर की सहायता, और नेपाल में वित्तीय संघवाद और जैवविविधता के संवाद के लिए 3.9 करोड़ डालर की राशि के उदाहरण दिए।

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रश्न, आरोप, बयान से भारत का पक्ष शक्तिशाली बन रहा है, भारतीय नागरिको को समझना चाहिए की विरोधी शक्तियों ने चुनाव में भ्रम फैलाने के लिए अमेरिका से 2.1 करोड़ डालर की आर्थिक सहायता ली थी। क्योंकि इसके पहले भी ट्रम्प ने जिस अमेरिकी संस्था को बंद करने के निर्देश दिए वह भारत में मोदी विरोधी एजेंडा चलाने के साथ बहुत से प्रकारो से भारत में भ्रम फैला रही थी।

बहरहाल एक कहावत के अनुसार जो दूसरो के लिए गड्डा खोदते है वो ही उस गड्डे में गिरते है। षड़यंत्री इस बात का ध्यान रखे कि वे भारत में षड़यंत्र कर भारत के विकास में बाधा बनाते है तो उसी षड़यंत्र में वो फंसकर देश की जनता के सामने शर्म से सिर झुकाकर जीवन यापन करेगे, फिर भारतीय नागरिक उनका उचित उपचार कर आराम करने के लिए घर बैठा देगी। फिर न चुनाव लड़ पाएगे न ही राजनीति कर पाएगे।

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